जालंधर, जिंदगी का आधार किसानों की कर्ज माफी का राह में रोड़ा बन गया है। आधार के कारण छह जिलों के 33,763 किसान कर्ज माफी की सूची से बाहर हो गए हैं। कुछ किसान आधार कार्ड न बनने के कारण सूची से बाहर कर दिए गए तो कुछ किसान आधार में गलती होने का खामियाजा भुगतने को मजबूर हैं। मोगा जिले में सहकारी बैंक में अपना नाम सूची में देखने आए किसान गुरमीत सिंह, दिलीप सिंह और निरवैर सिंह ने बताया कि तीनों के पास दो-दो एकड़ जमीन है। तीनों एक लाख रुपये से कम के कर्ज में डूबे हैं। किसान गुरमीत सिंह का कहना है कि उसके पास आधार कार्ड न होने के कारण उसका नाम सूची में नहीं रखा गया है और उसे जल्द से जल्द आधार कार्ड बनाने को कहा गया है। धर, किसान दिलीप सिंह का कहना है कि उसके आधार कार्ड में पिता का नाम सही नहीं है और उसे दुरुस्त करवाए बिना उसका नाम कर्ज माफी वाली सूची में शामिल नहीं किया गया है। इसी प्रकार किसान निरवैर सिंह का कहना है कि आधार कार्ड में उसका पता थोड़ा गलत लिखा गया है, जिसे दुरुस्त करवाए बिना उसका नाम कर्ज माफी की सूची में दर्ज नहीं हो रहा है।