बीजिंग- भारत द्वारा शुरू से विरोध किया जाता रहा है जो अभी भी जारी है । ऐसे में दूसरे देश भारत के साथ आ सकते हैं जिससे चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग की चुनौतियां बढ़ सकती हैं । केकियांग एससीओ बैठक में चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे जिसमें भारत की तरफ से विदेशमंत्री सुषमा स्वराज शिरकत करने जा रही हैं।भारत के बढ़ते प्रभाव को लेकर चीनी विशेषज्ञ टैंशन में हैं। समाज विज्ञान की शंघाई अकादमी के केंद्रीय एशियाई मामलों के विशेषज्ञ ली लिफन ने चिंता जताई है कि भारत के SCO में शामिल होने से चीन की भूमिका निश्चित ही कमतर होगी। क्योंकि भारत द्वारा चीन की बीआरआई पहल का विरोध आज भी जारी है। ऐसे में भारत आगे भी चीन की अन्य योजनाओं खासतौर पर ऐसी योजनाएं जिन्हें भारत अपने हित में नहीं मानता है। साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट ने लिखा कि भारत अब SCO का पूर्णकालिक सदस्य है ऐसे में उसे चीन-पाक आर्थिक गलियारे समेत कई मामलों में आलोचना का अधिकार है। भारत SCO शिखर सम्मेलन का इस्तेमाल पब्लिक फोरम के रूप में भी कर सकता है और जरूरत पड़ने पर वह चीनी योजनाओं में उनके पीछे छिपी मंशा पर प्रत्यक्ष सवाल भी कर सकता है।