नई दिल्ली- गुजरात का चुनाव प्रचार भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन मतदान के एक दिन पहले भी कांग्रेस और भाजपा के बीच घमासान जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा गिराने के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने तीखा पलटवार किया है। पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन और राहुल गांधी व उनके निजी सचिव के साथ हुए ई-मेल जारी कर भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा का हनन संप्रग सरकार के दौरान खुलेआम हो रहा था। भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने सवाल उठाया कि खुद मनमोहन सिंह भी जानना चाहते होंगे, वे उस समय सचमुच के प्रधानमंत्री थे या नहीं। भाजपा ने राहुल टैक्स पर भी व्यंग किया और रामसेतु की हकीकत को लेकर भी कांग्रेस पर हल्ला बोला।पीयूष गोयल ने कहा कि 2012 में जीएम फसल को अनुमति देने के मुद्दे पर तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन न सिर्फ प्रधानमंत्री के आदेश की अवहेलना करने पर उतारू थी, बल्कि उनके खिलाफ राहुल गांधी और सोनिया गांधी से शिकायत भी कर रही थी। गोयल के अनुसार सोनिया गांधी के निर्देश पर जयंती नटराजन जीएम फसल का विरोध कर रही थी और इसके लिए तकनीकी समिति व संसदीय समिति की रिपोर्ट का हवाला दे रही थी। लेकिन पहले पीएमओ और बाद खुद मनमोहन सिंह ने जयंती नटराजन को फोन कर इस मुद्दे पर तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार के रूख पर आगे बढ़ने का निर्देश दिया था। कृषि मंत्रालय और पीएमओ जीएम फसल का देश में कम-से-कम फील्ड ट्रायल शुरू करने के पक्ष में थे। राहुल गांधी को लिखे ईमेल में जयंती नटराजन ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रूख रखने के लिए उन्होंने तत्कालीन अटार्नी जनरल को फोन किया था, लेकिन उनके पास भी प्रधानमंत्री का स्पष्ट निर्देश आ गया था। नटराजन ने राहुल गांधी को बताया कि इस बारे में वह सोनिया गांधी को बता चुकी है।