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विरासत-ए-खालसा ‘वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्डज़’ की सूची में शामिल

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विरासत-ए-खालसा ‘वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्डज़’ की सूची में शामिल
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पर्यटन एवं संास्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने ‘वल्र्ड बुकऑफ रिकॉर्डज़’ पुरस्कार प्राप्त किया
चंडीगढ़, 25 नवंबर (अशोक वर्मा) : पंजाब सरकार द्वारा श्री आनन्दपुर साहिब में स्थापित किये गए अत्याधुनिक अजायब घर, विरासत-ए-खालसा ने रोज़ाना सबसे अधिक सैलानियों की आमद स्वरूप सालाना संदर्भ पुस्तक ‘वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्डज़’ में सूचीबद्ध होकर एक और नया रिकार्ड बना लिया है। पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री स. चरनजीत सिंह चन्नी को ‘वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्डज़’ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया, जो आज यहाँ आयोजित समारोह में पुरस्कार देने के लिए विशेष तौर पर पहुँचे। इस म्यूजिय़म में 20 मार्च, 2019 को 20569 दर्शकों की रिकॉर्ड तोड़ आमद देखने को मिली।
विरासत-ए-खालसा में आयोजित किये जा रहे अजायब घर के रिकॉर्ड तोड़ संदर्भ और उद्घाटन दिवस समारोह के विशेष मौके पर मंत्री ने कहा कि यह लगातार चौथा पुरस्कार है जो विरासत-ए-खालसा में इस साल दर्शकों की रिकॉर्ड तोड़ आमद के लिए दिया गया है। विरासत-ए-खालसा को इस साल ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डज़’, ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डज़’, ‘एशिया बुक ऑफ रिकॉर्डज़’ में सूचीबद्ध किया गया और विश्व स्तरीय वैबसाईट द्वारा ‘सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस’ का पुरस्कार भी दिया गया है।
स. चन्नी ने कहा, ‘‘म्यूजिय़म द्वारा स्कूलों और कॉलेजों के साथ मिलकर सैंकिंड हाफ़-मैराथन, शैक्षिक मुकाबले, सांस्कृतिक प्रोग्राम और ‘‘550 वृक्ष गुरू नानक दे नाम’’ के अंतर्गत 550 स्कूलों और कॉलेजों में पौधे लगाकर लोगों के साथ खुशी सांझी की गई।’’ सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर 23 नवंबर से 25 नवंबर को तीन दिन तक यह समागम आयोजित किये गए, जिन्होंने एकता की विचारधारा का प्रचार, लोक कल्याण, वातावरण का संरक्षण और अज्ञान लोगों को जागरूक करने के लिए चारों दिशाओं में उदासियां की थीं।राज्य सरकार द्वारा श्री आनन्दपुर साहिब में बनाया गया विरासत-ए-खालसा, जिसका उद्घाटन 25 नवंबर, 2011 और 25 नवंबर, 2016 को दो पड़ावों में किया गया था, पंजाब और सिख धर्म की 550 सालों की महान विरासत और संस्कृति की याद दिलाता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘विरासत-ए-खालसा म्यूजिय़म को ऊँचाईयाँ छूते देखना और 8 सालों के थोड़े समय के दौरान म्यूजिय़म में 1.7 करोड़ की आमद समूचे पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग के लिए एक गर्व वाली बात है। उन्होंने आगे कहा कि विरासत-ए-खालसा में रोज़ाना हज़ारों लोगों की आमद एक हैरानीजनक तजुर्बा है जिससे यह म्यूजिय़म विश्व स्तर पर अपनी अनोखी छाप छोड़ रहा है।
मंत्री ने आगे कहा कि पंजाब के सभ्याचार और विरासत को आम लोगों के नज़दीक लाने और विश्व स्तर पर इसके प्रसार के लिए विरासत-ए-खालसा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा शुरू किये प्रोग्राम ‘अपनी जड़ों को जानो’ के अंतर्गत यह म्यूजिय़म विश्व-व्यापक सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए प्रसिद्ध स्थान बन गया है। मंत्री ने आगे कहा कि म्यूजिय़म के सौंदर्य ज्ञान, तकनीक और बुनियादी ढांचे का अध्ययन निर्माण कला और डिज़ाइन के विद्यार्थियों और माहिरों के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण विषय है।
मंत्री ने बताया कि इस म्यूजिय़म को विश्व-स्तरीय मापदण्डों के अनुसार बनाए रखने के लिए इसके रख-रखाव का सेहरा इंजीनियरिंग, संरक्षण और प्रशासनिक टीम के सिर बंधता है। पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा ‘राज्य स्तरीय ऊर्जा बचाओ पुरस्कार मुकाबलों’ में म्यूजिय़म को दूसरा पुरस्कार देने का फ़ैसला लिया गया है। श्री आनन्दपुर साहिब में विरासत-ए-खालसा के उद्घाटन के उपरांत इस कस्बे की अर्थव्यवस्था में भी वृद्धि हुई है।
साल भर के दौरान विरासत-ए-खालसा में विभिन्न समागमों के सफल आयोजन के साथ म्यूजिय़म में इस तरह के अन्य समागमों को जारी रखने का विचार किया गया। दीवाली और प्रकाश पर्व के दौरान सजावटी लाईटों के साथ म्यूजिय़म, जल स्त्रोतों, पगडंडियों के सौंद्रीयकरण ने आम लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया।
स. चन्नी ने कहा कि इस म्यूजिय़म के रिकॉर्ड बनाने स्वरूप इसको और ज्य़ादा मान मिला है और हम अब ‘गिन्नीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्डज़’ में सूचीबद्ध होने के लिए यत्नशील हैं। इस मौके पर वल्र्ड बुकऑफ रिकॉर्डज़ द्वारा तिथी भल्ला, रणदीप सिंह कोहली और भुपिन्दर सिंह चन्ना, मैनेजर विरासत-ए-खालसा उपस्थित थे।

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