चंडीगढ़, 16 सितम्बर (शिव नारायण जांगड़ा)- तम्बाकू विरोधी कानूनों के सख़्ती से लागू करने को सुनिश्चित बनाने के लिए पिछले 8 महीनों के दौरान सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद एक्ट, 2003 (कोटपा, 2003) के अधीन 4671 चालान जारी किए गए। यह जानकारी आज यहाँ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के सचिव श्री कुमार राहुल ने राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए किया।
श्री कुमार राहुल ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य भर के बच्चों और नौजवानों को बचाने के लिए तम्बाकू के प्रयोग को ख़त्म करने के लिए एक मुहिम शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत राज्य भर में तम्बाकू के साथ-साथ ई-सिगरेट, गुटखा/पान मसाले की बिक्री पर पाबंदी लगाई गई है। कोटपा, 2003 (पंजाब संशोधन एक्ट, 2018) में संशोधन के उपरांत राज्य में हुक्का बार पर स्थायी तौर पर पाबंदी लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू विरोधी कानूनों के लागूकरण और इसके प्रयोग को रोकने के लिए अन्य संबंधित विभागों का सम्मिलन बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को हिदायत की कि तम्बाकू रोकथाम कानूनों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कोई ढील न इस्तेमाल की जाए और उनके साथ सख़्ती से निपटा जाए।
नेशनल तम्बाकू कंट्रोल प्रोग्राम के स्टेट प्रोग्राम अफ़सर डॉ. सन्दीप सिंह गिल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पूरे जोश से पंजाब में तम्बाकू के उपभोग को रोकने के एजंडे पर काम कर रहा है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी क्षेत्रों में ‘तम्बाकू मुक्ति केन्द्रों’ की स्थापना की गई है। इसके साथ ही इन केन्द्रों में तम्बाकू छोडऩे के इच्छुक मरीज़ों की मुफ़्त काउंसलिंग और बुप्रोपियन, निकोटिन गम और पैचेस जैसी दवाएँ मुहैया करवाई जा रही हैं। इन केन्द्रों (अप्रैल-अगस्त 2021) में कुल 6145 तम्बाकू उपभोगकर्ताओं ने सेवाएं प्राप्त कीं। उन्होंने कहा कि राज्य तम्बाकू के प्रयोग को घटाने के लिए तम्बाकू विक्रेताओं को लायसेंस देने पर भी काम कर रहा है।
इस बैठक में गृह विभाग, वित्त, परिवहन, स्कूल शिक्षा, स्थानीय सरकार, श्रम, ग्रामीण विकास, खाद्य/ड्रग प्रशासन, कानून विभाग और ग़ैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।