? आज का हिन्दू पंचांग ?
दिनांक 30 मई 2022
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म
मास – ज्येष्ठ
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या शाम 05:00 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – कृत्तिका सुबह 07:12 तक तत्पश्चात रोहिणी
योग – सुकर्मा रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल – सुबह 07:35 से 09:16 तक
सूर्योदय – 05:54
सूर्यास्त – 07:20
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:30 से 05:12 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.16 से 12:58 तक
व्रत पर्व विवरण- वटसावित्री व्रत, सोमवती अमावस्या, शनि जयंती
विशेष – अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
?सोमवती अमावस्या : 30 मई 2022? (पुण्यकाल : सूर्योदय से शाम 05:00 तक)
?इस दिन मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है । सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।
?अमावस्या के दिन ध्यान रखने की बात?
?1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।
(स्कन्द पुराण, प्रभाव खं. 207.11.13)
?2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ” ब्रम्ह हत्या ” का पाप लगता है ! -विष्णु पुराण
3?अमावस्या के दिन तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
?4. जमीन है अपनी… खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें …. न मजदूर से करवाएं |
?5. जप करें भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें …और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें … सूर्य को अर्घ्य दें… और प्रार्थना करें ” आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं …उनको उसका पुण्य मिल जाये | ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |
?6. कर्जा हो गया है तो, अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।
?दीक्षा में जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें , जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।