~ आज का हिन्दू पंचांग ~
⛅दिनांक 31 मई 2022
⛅दिन – मंगलवार
⛅विक्रम संवत – 2079
⛅शक संवत – 1944
⛅अयन – उत्तरायण
⛅ऋतु – ग्रीष्म
⛅मास – ज्येष्ठ
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – प्रतिपदा शाम 07:18 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅नक्षत्र – रोहिणी सुबह 10:01 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅योग – धृति रात्रि 12:34 तक तत्पश्चात शूल
⛅राहुकाल – शाम 03:59 से 05:40 तक
⛅सूर्योदय – 05:54
⛅सूर्यास्त – 07:21
⛅दिशाशूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:30 से 05:12 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.16 से 12:58 तक
⛅व्रत पर्व विवरण- गंगा दशहरा प्रारम्भ
⛅ विशेष – विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
?गंगा दशहरा प्रारंभ… 31 मई से…?
?गंगा स्नान का मंत्र
?गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नही सकते, घर में ही गंगा स्नान का पूण्य मिलने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है ..
ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा
?ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है | गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें ….
सुरेशानंदजी -12th October 2008, Faridabad
?आहार-सम्बन्धी कुछ आवश्यक नियम?
?१-सदैव अपने कार्य के अनुसार आहार लेना चाहिये। यदि आपको कठोर शारीरिक परिश्रम करना पड़ता है तो अधिक पौष्टिक आहार लेवें। यदि आप हलका शारीरिक परिश्रम करते हैं तो हलका सुपाच्य आहार लेवें।
?२-प्रतिदिन निश्चित समय पर ही भोजन करना चाहिये।
?३-भोजन को मुँह में डालते ही निगले नहीं, बल्कि खूब चबाकर खायें, इससे भोजन शीघ्र पचता है।
?४-भोजन करने में शीघ्रता न करें और न ही बातों में व्यस्त रहें।
?५-अधिक मिर्च-मसालों से युक्त तथा चटपटे और तले हुए खाद्य पदार्थ न खायें। इससे पाचन-तन्त्र के रोग विकार उत्पन्न होते हैं।
?६-आहार ग्रहण करनेबके पश्चात् कुछ देर आराम अवश्य करें।
?७-भोजन के मध्य अथवा तुरंत बाद पानी न पीयें। उचित तो यही है कि भोजन करने के कुछ देर बाद पानी पिया जाय, किंतु यदि आवश्यक हो तो खाने के बाद बहुत कम मात्रा में पानी पी लेवें और इसके बाद कुछ देर ठहर कर ही पानी पीयें।
?८-ध्यान रखें, कोई भी खाद्य पदार्थ बहुत गरम या बहुत ठंडा न खायें और न ही गरम खाने के साथ या बाद में ठंडा पानी पीयें।
?९-आहार लेते समय अपना मन-मस्तिष्क चिन्तामुक्त रखें।
?१०-भोजन के बाद पाचक चूर्ण या ऐसा ही कोई भी अन्य औषध-पदार्थ सेवन करने की आदत कभी न डालें। इससे पाचन-शक्ति कमजोर हो जाती है।
?११-भोजनोपरान्त यदि फलोंका सेवन किया जाय तो यह न केवल शक्तिवर्द्धक होता है, बल्कि इससे भोजन शीघ्र पच भी जाता है।
?१२-जितनी भूख हो, उतना ही भोजन करें। स्वादिष्ठ पकवान अधिक मात्रा में खाने का लालच अन्ततः अहितकर होता है।
?१३-रात्रि के समय दही या लस्सी का सेवन न करें।