योजना अतर्कसंगत, युवा नोकरी के बाद ओवरएज हो जाएंगे।
अग्निपथ योजना के दूरगामी परिणाम ठीक नहीं होंगे ।
भर्ती के इच्छुक युवा हताश व निराश होंगे,सेना पर प्रयोग ठीक नही।
सेना में अल्पावधि भर्ती के लिये बनायी गयी नयी अग्निपथ पॉलिसी युवाओं के भविष्य व देश के लिए अहितकारी बताते हुए इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहाकि सेना पर सरकार का प्रयोग ठीक नही होगा इससे भर्ती के इच्छुक युवा हताश व परेशान हो जाएंगे। सरकार को अल्पावधि की बजाए पूर्व की भांति सेना में भर्ती करनी चाहिए और नई नीति में बदलाव करना चाहिए। उन्होंने कहाकि 4 साल के बाद सेना से निकले जवानों को स्थायी नोकरी देने की कोई नीति न होने के कारण बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि होगी और अधिकतर युवा तो 4 वर्ष पश्चात ओवरएज हो जाएंगे और अन्य सरकारी संस्थान में भर्ती के लिए भी अयोग्य हो जाएंगे। इस योजना से नौजवानों में सेना में भर्ती के प्रति अरुचि पैदा होगी। योजना तैयार करते समय इसके दूरगामी परिणामोंको ध्यान में नही रखा गया। देश की एकता, अखंडता व सुरक्षा के लिए भी यह ठीक नही होगा क्योंकि अल्पावधि की नोकरी में युवाओ पर ट्रेनिंग व अभ्यास का खर्च तो पूरा होगा, सशत्रो का प्रशिक्षण व परीक्षण भी पूरा होगा जबकि युद्ध की स्थिति में युवाओ में अल्पावधि की सेवा होने के कारण देश की सुरक्षा की अपेक्षा अपनी व परिवार की सुरक्षा को अधिक ध्यान देने की संभावना हो सकती है। सैन्य खर्च बचाने और सैन्य बल की क्षमता को घटाने के लिए सरकार ऐसा कर रही हो सकती है लेकिन यह ठीक नही होगा। कोरोनाकाल का सहारा लेकर सरकार ने पहले से ही 3 वर्षों से सेना में भर्ती बंद कर रखी है और इनैलो सुप्रीमो चौधरी ओम प्रकाश चौटाला पहले ही सेना में भर्ती खोलने की सरकार से अपील कर चुके हैं लेकिन सरकार ने भर्ती खोलने की बजाए एक नया शोशा व शगूफा छोड़ दिया है। इससे उन नौजवानों पर भी बुरा असर पड़ेगा जो पिछले कई वर्षों से सेना में भर्ती की आस में तयारी कर रहे हैं। अल्पावधि की समाप्ति पर निकाले गए अग्निवीरों को सेवा निधि के तौर पर सिर्फ 11.71 लाख एकमुश्त राशि दी जाएगी जबकि इस निधि में से आधा हिस्सा तो सैनिकों की कमाई का पैसा ही है। फिर से बेरोजगार होने वाले सैनिक क्या बाकी की जिंदगी इस मामूली रकम से बिता सकेंगे यह विचारणीय प्रश्न है। अल्पावधि के बाद पेंशन, स्वास्थ्य व अन्य कोई भी सुविधाएं उन्हें नही मिलेंगी। हथियारों का प्रयोग जानने वाले ऐसे बेरोजगार युवा गुमराह भी हो सकते है जिससे समाज को खतरा पैदा हो सकता है। अनेक खामियों के चलते सरकार से अपील है कि पूर्व की भांति ही सेना की भर्ती की जाए, देश की एकता, अखंडता व सुरक्षा से बढ़कर कुछ नही हो सकता।