बालोतरा: (चेतन शर्मा) बालोतरा शहर की जनता मशहूर गाने ‘‘कौन सुनेगा किसको सुनाएं…. इसलिए चुप रहते हैं…….‘‘ जैसी जान पड़ती है। यहां की जनता को अब शायद नगरपरिषद और परिषद संबंधी मामलों में प्रशासन से आस ही टूट चुकी है। हर बार की तरह आज भी कल आई बारिश के बाद मुख्य बाजार से लेकर गलीयों तक कीचड़ सड़कों पर पसरा पड़ा है खबर लिखे जाने तक जिसकी सफाई की आज कोइ आस नजर नहीं आ रही है। दबे स्वर में तो लोग बोलते हैं कि दो तीन दिन में सफाई हो जाये तो गनीमत समझेंगे।
आपको बता दें यह हालात कुछ दिनों से नहीं बल्कि सालों से हैं, कई अधिकारी बदले कई नेता बदल गये लेकिन बाजार की गंदगी के इन हालातों को बदलना किसी ने मुनासिब नहीं समझा।
चुंकी बाजार में बैठा व्यापारी निवासी तो अन्य वार्ड का होता है ऐसे में पार्षद महोदय को उनकी नाराजगी से वैसे भी कोई फर्क नहीं पड़ता ये तब स्पष्ट हो जाता है जब व्यापारीयों की बार बार गुहार लगाने पर भी नाली की सफाई तक ढंग से नहीं हो पाती । मजे की बात यह है कि हालात केवल बारिश के बाद ही नहीं बिगड़ते बल्कि आम दिनों में भी नालीयां जाम हो कर पानी सड़क पर भर जाना आम बात है, जनता का कहना है कि नालियां तो पर्याप्त से अधिक गहरी बनी हुई है लेकिन इनमें जमी मिटटी के कारण इनकी उपयोगी गहराई कम रह जाती है और पानी ओवरफ्लो हो जाता है अगर जनता की मानें तो एक बार ढंग से नालियों में जमी मिटटी को साफ करवाने से काफी राहत मिल सकती है लेकिन इतनी जहमत उठाये कौन ?