जालंधर,2 अप्रैल (प्रेस की ताकत बयूरो)- चेत नरतियों में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इन दिनों भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दिन-रात पूरी श्रद्धा से मां की पूजा करते हैं लेकिन कभी-कभी लोग कथाओं में कुछ गलतियां कर देते हैं जिससे उनकी मनोकामनाएं पूरी नहीं होती हैं। यदि लोग चेत नारता में निम्नलिखित बातों से परहेज करते हैं तो उनकी सभी मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी होती हैं। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से सच है जो नौ दिनों तक उपवास करते हैं।
दिन में न सोएं
नारता के दिनों में दिन में नहीं सोना चाहिए। दिन में सोने से जीवन छोटा होता है और शरीर आलसी बना रहता है।
बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए
नारद के नौ दिनों के दौरान बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए। हालांकि, ये दिन बेबी शेव करवाने के लिए अच्छे माने जाते हैं।
घर की सफाई
नारता से पहले घर में जाल साफ करें। घर को अच्छी तरह साफ कर लें, क्योंकि जहां गंदगी होती है वहां मां नहीं होती।
घर को खाली मत छोड़ो
अगर आपने नारता के दिनों में अखंड ज्योति जलाई है तो इन 9 दिनों में अपने घर को खाली छोड़ने की गलती कभी न करें। साथ ही घर में कभी भी और किसी भी कोने में अँधेरा न होने दें। दोनों समय माता के अग्रभाग का प्रकाश करें और दुर्गा चालीसा या सप्तशती का जाप करें।
माँ को पानी दो
माता जी के सम्मुख स्थापित कलश का जल प्रतिदिन बदलें। आप कलश का पानी पौधे में डाल सकते हैं। आप व्रत कर रहे हैं या नहीं, इन दिनों कभी भी गंदे कपड़े न पहनें, इससे मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
टूटी हुई मूर्तियों की पूजा न करें
नारता के दिनों में कभी भी मां दुर्गा की पुरानी और खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए।
16 सजा
मां दुर्गा को बागे, माला, हार और नए वस्त्रों से सजाएं। इन दिनों महिलाओं को भी अच्छी तरह से तैयार रहना चाहिए। ऐसा करना घर और परिवार के लिए अच्छा होता है।
शान्ति बनाये रखें
जिन घरों में कलह और कलह होती है वहां आशीर्वाद नहीं होता। घर में सुख शांति होने से माताएं प्रसन्न होती हैं।
ये काम करें
नारता में शुद्ध भोजन करना बहुत जरूरी है। नारता में प्याज, लहसुन, मांसाहारी चीजें, शराब आदि से परहेज करें।
इस रंग के कपड़े न पहनें
काले और नीले, चमड़े की बेल्ट और चप्पल, बैग आदि न पहनें और न ही खरीदें। पूजा में बैठने के लिए लाल, पीले, गुलाबी या हरे रंग के वस्त्र ही पहनें।