नई दिल्ली, 23 सितम्बर (प्रेस की ताकत)- जागो पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है। उन्होंने कहा कि सिरसा के गुरसिखी और गुरुमुखी परीक्षणों में शिरोमणि समिति के प्रतिनिधि की विफलता शिरोमणि समिति के बादल प्रायोजित प्रबंधन के लिए एक बड़ी हार है। 25 अगस्त को हुए चुनाव परिणाम में सिरसा पंजाबी बाग वार्ड हार गया लेकिन उसी शाम शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपनी पार्टी की नवनिर्वाचित समिति के सदस्यों के सामने सिरसा को शिरोमणि समिति कोटे से सदस्य के रूप में नामित करने की घोषणा की। इसके साथ ही शिरोमणि समिति ने 23 अगस्त को हुई शिरोमणि समिति की कार्यकारिणी की बैठक में सिरसा को दिल्ली समिति के लिए मनोनीत करने के प्रस्ताव के संदर्भ में सिरसा को नामांकन पत्र जारी किया है। एसजीपीसी द्वारा कार्यकारी सदस्यों को भेजे गए मुख्य एजेंडे और अतिरिक्त एजेंडे की एक प्रति जारी करते हुए, यह दावा किया कि 23 अगस्त की बैठक में सिरसा को सदस्य के रूप में नामित करने के लिए कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था। उन्होंने पूछा कि सिरसा का क्या सपना था कि वह 25 अगस्त को चुनाव हार रहे हैं, इसलिए उन्होंने 23 अगस्त को खुद को सदस्य के रूप में नामित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वह एसजीपीसी के अध्यक्ष और कार्यकारी सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला अदालत में दायर करेंगे क्योंकि वे झूठे कागजात तैयार करने के दोषी थे। सभी 46 सदस्यों के गुरुमुखी परीक्षण की वकालत करते हुए उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यदि सिरसा ने निर्देशक की जगह खुद पेपर सेट किया होता तो सिरसा फेल नहीं होता। दिल्ली कमेटी के पूर्व सदस्य कुलवंत सिंह बाथ ने अपनी विफलता के लिए सिरसा के अहंकार को जिम्मेदार ठहराया। जागो पार्टी के मुख्य महासचिव परमिंदर पाल सिंह ने सिरसा से अपनी पंजाबी ऑनर्स की डिग्री सार्वजनिक करने का आग्रह किया। इस अवसर पर समिति के सदस्य परमजीत सिंह राणा, सतनाम सिंह खिवा, समिति के पूर्व सदस्य चमन सिंह, हरमनजीत सिंह, हरिंदरपाल सिंह, हरजीत सिंह जी. के, हरप्रीत सिंह बनी जॉली, महासचिव, शिरोमणि अकाली दल यूनाइटेड और जगजीत सिंह, कमांडर उपस्थित थे।