छिंदवाड़ा (भगवानदीन साहू)- सन्त श्री आशारामजी गुरुकुल में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जन्माष्टमी पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया । विद्यार्थियों ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चित्रण की शानदार प्रस्तुति दी । वहीं पूज्य बापूजी के लिंगा आश्रम में सुबह से ही साधक भक्तों का तांता लगा रहा । कई धार्मिक आयोजन सम्पन्न हुए । पूज्य बापूजी की कृपा पात्र शिष्या साध्वी रेखा बहन का दिव्य सत्संग सम्पन्न हुआ । साध्वी बहन ने बताया कि इस वर्ष जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त की है। उपवास के लिए उत्तम तिथि 19 अगस्त है । जन्माष्टमी का किया गया उपवास 1 हजार एकादशी के व्रत का पुण्य प्रदान करता है । भगवान श्री कृष्ण का पूरा जीवन संघर्षमय रहा । उनका जन्म जेल में हुआ , लालन-पालन गोकुल में। 6 माह की उम्र में पूतना , बकासुर जैसे दानवों ने उनको मार डालने का प्रयास किया । 14 वर्ष की उम्र में उनने कंस का वध किया । युद्ध के मैदान से श्री मद भगवदगीता का ज्ञान समस्त प्राणियों के कल्याण के लिए दिया। जो मनुष्य मानसिक रूप से तनावग्रस्त है या डिप्रेशन में है , उनको बार – बार भगवान श्रीकृष्ण के जीवन काल का स्मरण करना चाहिए , पढ़ना या देखना चाहिए कि कैसे कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी वे प्रसन्न और खुश रहतें हैं । कार्यक्रम में लगभग 3 हजार से अधिक लोगों ने उपस्थित दर्ज की। मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत की सदस्य ललिता/ विलास घोंघे , ग्राम – भाजीपानी के सरपंच राहुल वर्मा
उपस्थित हुए । इस दैवीय कार्य में साध्वी रेखा बहन , साध्वी प्रतिमा बहन , खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई , समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई , प्राचार्य श्रीमति वागीशा दीदी , गुरुकुल की दर्शना खट्टर , युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक दोईफोड़े , अशोक कराडे , सुभाष इंग्ले , नारायण ताम्रकर , विलास घोंघे , विशाल चउत्रे , सुजीत सूर्यवंशी , महिला समिति की सुमन दोईफोड़े , विमल शेरके , छाया सूर्यवंशी , शकुंतला कराडे , योगिता पराडकर , रुपाली इंग्ले , आदि ने अपनी – अपनी सेवाएं दीं।