नगरपरिषद-डीटीपी-पटवारी-तहसीलदार के चक्रव्यूह में फंसी जनता।
उपायुक्त अम्बाला डीटीपी से बोले ओंकार सिंह की डायरेक्टर से बात करवाओ।
धारा 7A को भूत बना देने वाले अम्बाला प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहाकि धारा 7A बारे कानून में स्पष्ट प्रावधान और डीटीपी अम्बाला के नियमित कॉलोनी पर धारा 7A के न लगने बारे जवाब को भी अम्बाला प्रशासन नही मानता। अम्बाला की जनता नगरपरिषद-डीटीपी-तहसीलदार-पटवारियों के चक्रव्यूह में पूरी तरह फंस चुकी है। यह स्थिति गृहमंत्री के गृहजिले की है तो अन्य जिलों का हाल क्या होगा यह तो ईश्वर ही जाने। इस सम्बन्ध में जिलाधीश अम्बाला से बात की गई तो उन्होंने समस्या के प्रति पॉजिटिव रुख तो दिखाया परन्तु समस्या का समाधान उपायुक्त अम्बाला द्वारा किए जाने की बात कहकर बात को खत्म किया। इस बारे पहले भी कई बार उपायुक्त अम्बाला से मुलाकात की जा चुकी है एक बार फिर मुलाकात करने पर उन्होंने माना कि इस बारे कानून में स्पष्ट प्रावधान तो है और डीटीपी अम्बाला का पत्र भी आ चुका है लेकिन गुड़गांव के मामले के पश्चात डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को दिसंबर 2021 में इस बारे स्पष्टीकरण देने के लिए लिखा गया था जिसका जवाब नही आया है। कितनी अजीब बात है कि जिला उपायुक्त के पत्र का जवाब यदि डायरेक्टर 6 महीने में नही देता तो आम जनता की स्थिति क्या होगी ? इस बारे बार बार कहने पर उपायुक्त अम्बाला डीटीपी से फोन पर बोले कि ओंकार सिंह की डायरेक्टर से समय लेकर बात करवा दो। कैसी असमंजस की स्थिति है कि जिले के मलिक उपायुक्त अम्बाला यदि डायरेक्टर से स्पष्टीकरण नही ले सकते तो ओंकार सिंह को क्या स्पष्टीकरण मिलेगा। उन्होंने कहाकि यदि प्रशासन द्वारा इस समस्या का स्थायी हल न निकाला गया तो अम्बाला छावनी में आगामी मुख्यमंत्री के किसी भी प्रोग्राम में उनसे मिलकर न्याय मांगा जाएगा क्योंकि मुख्यमंत्री मोरे प्रदेश का मालिक हॉट्स हैं और अपनी जनता को न्याय दिलवाना उसकी नैतिक जिम्मेवारी होती है। उपायुक्त अम्बाला से पुनः अपील करते हुए उन्होंने कहाकि यह समस्या उपायुक्त महोदय हल कर सकते हैं और उन्हें हल करनी चाहिए।