छिंदवाड़ा( भगवानदीन साहू)-संत श्री आशारामजी आश्रम लिंगा में आज कार्तिक पूर्णिमा हर्षोल्लास से मनाई गई । सैकड़ों साधकों ने आश्रम पहुंचकर ध्यान , भजन- पूजन कर कालीरात के तट पर दीपदान किया । इस अवसर पर आश्रम संचालिका साध्वी प्रतिमा बहन ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का बड़ा भारी महत्व है । आज ही के दिन भगवान विष्णु के प्रथम अवतार मत्स्य-अवतार का अवतरण हुआ था । आज ही के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत कर लोगों को कष्टों से बचाया था। आज ही के दिन सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु; गुरुनानक देवजी का भी अवतरण हुआ था । शास्त्रों में ऐसा भी आता है कि कार्तिक पूर्णिमा को भगवान शिव का या सद्गुरु देव के दर्शन करने का विधान है। इस दिन जो दर्शन लाभ लेता है उसके कुल परिवार में 7 जन्मों तक दिव्य आत्माओं का जन्म होता है। शिव दर्शन या गुरु दर्शन से तातपर्य शिव तत्व या गुरु तत्व के आत्मिक दर्शन से है । लिंगा ग्राम के आसपास एवं छिंदवाड़ा नगर से सैकड़ों महिलाओं ने पूर्ण विधिविधान से दीपदान किया । आज के दिन देवताओं की भी दिवाली होती है। देवगण दिवाली मनाते हैं क्योंकि जगत के पालनहार श्री विष्णुजी देव उठनी एकादशी के दिन योग निद्रा से जागते हैं। इस खुशी में देवलोक में दिवाली का उत्सव होता है। लिंगा आश्रम में सभी साधको के भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई थी । इस दैवीय कार्य में साध्वी रेखा बहन, साध्वी प्रतिमा बहन, खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई, समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई, गुरुकुल की संचालिका दर्शना खट्टर, युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक दोईफोड़े, M.R. पराडकर, महिला समिति से सुमन दोईफोड़े डॉ. मीरा पराडकर, छाया सूर्यवंशी, करुणेश पाल, शकुंतला कराडे, योगिता पराडकर, ललिता घोंघे , दिशा घोंघे, उर्मिला पहाड़े मुख्य रूप से उपस्थित थे।