चंडीगढ़ (रफ़्तार न्यूज़ ब्यूरो) : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि 30 जून के बाद राज्य में लॉकडाउन का फैसला स्थिति पर निर्भर करेगा परन्तु कोविड के फैलाव को रोकने में जो भी कदम उठाने की जरूरत हुई, वह उसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
‘कैप्टन से सवाल’ नामक प्रोग्राम की अगली लड़ी के अंतर्गत फेसबुक लाईव के दौरान मुख्यमंत्री ने लुधियाना के एक निवासी को मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘यह आपके हाथ में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम महामारी को काबू करने के समर्थ हो जाते हैं तो लॉकडाउन की कोई जरूरत नहीं रहेगी परन्तु यदि स्थिति काबू से बाहर हुई तो कोई और रास्ता नहीं बचेगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पंजाब के लोगों की सुरक्षा के लिए ही लॉकडाउन लागू किया गया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में कोरोनावायरस के केस बढ़ने के कारण सार्वजनिक तौर पर मास्क पहनने का पालन सख्ती के साथ करना चाहिए। उन्होंने पंजाब के लोगों को मास्क पहनने और अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों का उल्लंघन न करने की अपील करते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में चालान काटने की जरूरत नहीं होनी चाहिए क्योंकि हरेक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने बताया कि अकेले शुक्रवार मास्क न पहनने पर 4024 व्यक्तियों का चालान किया गया और 45 व्यक्तियों का चालान सार्वजनिक तौर पर थूकने के कारण किया गया। उन्होंने कहा कि मास्क न पहनना, सामाजिक दूरी न रखना या सार्वजनिक तौर पर थूकना समाज विरोधी कार्यवाहियां हैं। उन्होंने लोगों को सचेत रहने, सुरक्षा उपायों को अपनाने और स्वास्थ्य माहिरों की सलाह मानने की अपील की जिससे इस महामारी को और बढ़ने से रोका जा सके।
स्वास्थ्य माहिरों की तरफ से पंजाब में महामारी के चरम का समय अभी आने बारे लगाए गए अनुमान पर चिंता जाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य किसी भी सूरत में ढील बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर टेस्टिंग की क्षमता लगातार बढ़ा रही है। होशियारपुर के निवासी की तरफ से पूछे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि इस महीने के आखिर तक पंजाब में टेस्टिंग की प्रति दिन क्षमता 20,000 हो जायेगी। उन्होंने प्रश्नकर्ता के साथ सहमति अभिव्यक्ति कि दिल्ली के मुकाबले पंजाब में टेस्टिंग कम है, जिसको हल किया जाता। मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि उनके नेतृत्व में हुई कैबिनेट ने हाल ही में चार और टेस्टिंग लैबोरेटरियों को मंजूरी दी है जिससे अगले कुछ दिनों में टेस्टिंग दोगुणा बढ़ जायेगी।
प्राईवेट अस्पतालों की तरफ से कोविड मरीजों से अधिक फीस वसूले जाने के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इसकी कीमतें तय करने पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मैडीकल एसोसिएशनों के मैंबर इस मुद्दे पर उनको मिलकर विचार-विमर्श करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह उनके साथ मुलाकात करेंगे और वह निश्चित तौर पर इस कठिन समय में लोगों की जिंदगी और स्वास्थ्य पर लाभ कमाने की आज्ञा नहीं देंगे। उन्होंने आगे कहा कि सरकारी अस्पतालों में कोविड के मरीजों का सारा इलाज और दवाएँ मुफ्त दी जा रही हैं।
यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों की तरफ से परीक्षाएं रद्द करने के फैसले जिसके बारे में कि कई राज्यों की तरफ से पहले ही ऐलान किये गए हैं, संबंधी पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइस चांसलर शिक्षा विभाग के साथ मीटिंग करेंगे और इस मामले में यू.जी.सी. से दिशा निर्देश लेंगे। उसके अनुसार ही अंतिम फैसला दो-तीन दिनों के अंदर किया जायेगा। यह सवाल गुरदासपुर के एक विद्यार्थी की तरफ से गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के इम्तिहानों को रद्द करने के बारे में पूछा गया था।
लुधियाना निवासी की तरफ से स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों के दौरान ऑनलाइन क्लासें बंद करवाने की अपील के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि छुट्टियाँ पहले ही लॉकडाउन समय में एडजस्ट कर दी गई हैं जिस कारण अब और छुट्टियाँ नहीं दी जा सकतीं।
एक अन्य सवाल के जवाब में आज के बेहद सख्त मुकाबले के युग में निरंतर शिक्षा की महत्ता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि हर पंजाबी बच्चा बढि़या शिक्षा हासिल करे। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा संकट के समाप्त होने के उपरांत स्कूल फिर से खोले जाएंगे।
जिम्म को खोलने की अपील पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला केंद्र सरकार के हाथ में है क्योंकि राष्ट्रीय आपदा अधिनियम लागू है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर आज तक 1700 सवाल आए हैं। उन्होंने कहा कि जिम्म में वायरस के आगे बढ़ने की ज्यादा संभावना होती है। उन्होंने नौजवानों को सलाह दी कि जब तक जिम्म नहीं खोले जा रहे तब तक वह खुले में कसरत करें, यही उनके लिए सुरक्षित है।