लखनऊ (विशाल वर्मा)-विश्वविद्यालय के सम्बन्धित संकायों के प्राध्यापक पीएचडी छात्रों को पीएचडी करवाते हैं। लम्बे समय से विश्वविद्यालय के अतिरिक्त सम्बद्ध काॅलेजों के शिक्षकों द्वारा भी पीएचडी करवाये जानें की माँग चल रही थी। इस साल पहली बार स्नातक कोर्सों वाले कॉलेज के शिक्षकों को भी पीएचडी कराने का अवसर दिया गया है।
इसके साथ ही पिछले सत्र की तुलना में इस बार विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए पिछले सत्र की तुलना में कहीं ज़्यादा अन्तर देखा गया है। कुछ विषयों में तो यह अन्तर दोगुने से भी ज़्यादा है। विश्वविद्यालय प्रशासन से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार हिंदी में 468, इंग्लिश में 315, सोशियोलॉजी में 345, कॉमर्स में 430, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास में 260, जुलॉजी में 155, फिजिकल एजुकेशन में 125, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में 152, बॉटनी में 148, संस्कृत में 93 आवेदनों के साथ प्राचीन भारतीय इतिहास व आर्कियोलॉजी में 54 से बढ़कर 124, एंथ्रोपोलॉजी में 6 से बढ़कर 31, उर्दू में 24 से 103, एजुकेशन में 238 से 727, लॉ में 447 से 713, राजनीति विज्ञान में 127 से बढ़कर 338 आवेदन प्राप्त हुए हैं।