लखनऊ(विशाल वर्मा)-प्रसिद्ध कवि व गद्यकार महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च, 1907 को उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद जिले में हुआ था। उनके परिवार में उनका जन्म पिछली सात पीढ़ियों में एकलौती पुत्री के रूप में हुआ था। बताया जाता है कि इसी कारण से उनके पितामह श्री बाबू बाँकेबिहारी जी ने उनका नाम महादेवी (घर की देवी) रखा था। उनकी माता हेमरानी देवी बड़ी ही सात्विक, धर्मपरायण, सरल स्वभाव वाली व भावुक महिला थीं। इनके पिता श्री गोविन्द प्रसाद वर्मा एक विद्वान, संगीतप्रेमी व हँसमुख व्यक्ति थे। वे भागलपुर के एक काॅलेज में प्राध्यापक थे। उन्होंने सन् 1921 में आठवीं कक्षा में पूरे प्रांत में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। और उनके साहित्यिक जीवन की शुरूआत भी इसी समय हुई थी। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में कविता संग्रहों में प्रमुख रूप से नीहार, रश्मि, नीरजा, साँध्यगीत, दीपशिखा, सप्तपर्णा, अग्निरेखा, प्रथम आयाम व गद्य संग्रहों में अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखायें, पथ के साथी व मेरा परिवार प्रमुख हैं। उन्होनें साहित्यकारों के कल्याण हेतु साहित्य सहकार न्यास की स्थाना भी की थी।