सुल्तानपुर। मानवाधिकार सुरक्षा बोर्ड ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल अरीबा नोमान को सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र दिया। मानवाधिकार सुरक्षा बोर्ड के डीजी डॉ संतोष सिंह अंश ने कहा कि अरीबा की सफलता से सुल्तानपुर गौरान्वित हुआ है और अब अरीबा नोमान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहें युवाओं की प्रेरणा स्रोत बनेगी। मुस्लिम छात्रों में पहला स्थान हासिल करने वाली अरीबा नोमन ने अपने सफर के बारे में डॉ संतोष सिंह अंश से बात करते हुए कहा कि यह एक प्यारा सफर रहा। कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन आज मैं समझती हूं कि वो मुश्किलें क्यों आईं। सिविल सेवा परीक्षा में कुल 685 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, जिनमें मुस्लिम छात्रों की संख्या लगभग 24 है, जिसमें अरीबा नोमान ने ओवर ऑल। 109वीं रैंक हासिल करने के बावजूद पहला स्थान हासिल किया है. अरीबा ने कहा कि किसी भी परीक्षा के लिए प्लानिंग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपीएससी का पाठ्यक्रम विस्तृत है. उन्होंने कहा कि हर दिन की योजना तैयार की जाए. क्या पढ़ना है कब पढ़ना है यह सब पहले से प्लान किया जाना चाहिए। मानवाधिकार सुरक्षा बोर्ड जिला अध्यक्ष राहुल से बात करते हुए अरीबा ने कहा कि छात्रों को छोटे लक्ष्य निर्धारित करने की जरूरत है. जब आप एक बार एक छोटा लक्ष्य हासिल करेंगे तो आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा,यदि आप सीधे यूपीएससी लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो यह थोड़ा मुश्किल होगा। अरीबा ने कहा कि उनकी सफलता में जामिया मिलिया इस्लामिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वह मार्च 2022 में साक्षात्कार की तैयारी के लिए जामिया आई थी, जिसमें उसे बहुत अच्छे अंक मिले। यूपीएससी मुस्लिम टॉपर अरीबा नोमन अरीबा ने कहा कि वह अपने रैंक से खुश नहीं हैं, उन्हें इससे बेहतर परिणाम की उम्मीद है, इसलिए उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया है। मानवाधिकार सुरक्षा बोर्ड के जिला प्रभारी शैलेंद्र यादव द्वारा यह पूछे जाने पर कि यूपीएससी में सफल होने के लिए कितने घंटे पढ़ने की आवश्यकता होती है, अरीबा ने कहा कि आपके लिए 20 घंटे अध्ययन करना और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से पूरी तरह से अलग होना जरूरी नहीं है। जब वह पढ़ाई-लिखाई कर थक जाती तो वह सभी से मिलती. यह उसे तरोताजा कर देता था। इस अवसर पर राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के एसो प्रोफेसर शिव कुमार मिश्र, लालमणि यादव, संजय कुमार, विपिन कुमार आदि उपस्थित रहे।