सुल्तानपुर :- राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में नारी सुरक्षा , सम्मान एवं स्वावलंबन के अंतर्गत ‘ मेगा इवेंट हक की बात जिलाधिकारी के साथ’ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी रवीश गुप्ता, पुलिस कप्तान/ डीआईजी विपिन मिश्र , जिला प्रोबेशन अधिकारी वी पी वर्मा, प्राचार्य डॉ डी के त्रिपाठी, पूर्व प्रचार्य डॉ एम पी सिंह बिशेन द्वारा माँ सरस्वती और राणा प्रताप के चित्रों पर माल्यार्पण , दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके बाद बीएड प्रथम वर्ष की आकांक्षा कसेरा और कीर्ति ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। मुख्य अतिथियों के स्वागत के बाद डीएम और डीआईजी से छात्राओं ने सवाल किये। तृप्ति तिवारी ने पूछा कि यदि कोई इमोशनल ब्लैकमेल कर मानसिक अत्याचार करें तो क्या करें?डीआईजी ने कहा कि अत्याचार का प्रतिकार करना चाहिये और शिकायत दर्ज करना चाहिये अवश्य कार्यवाही होगी। आकांक्षा सिंह ने पूछा कि सीरियल और वेब सीरीज से महिला उत्पीड़न दिखाया जाता है, इस पर रोक लगनी चाहिये। डीएम ने कहा कि सीरियल के लिए बोर्ड बना हैं वेब सीरीज पर सरकार नियम बनाकर शीघ्र अंकुश लगाएगी। परमेन्द्र ने पूछा कि पुरूष भी घरेलू हिंसा का शिकार हो रहे है। डीआईजी ने कहा कि इसके लिये भी क़ानून है उनका भी निराकारण किया जा रहा है। पॉस्को एक्ट बना है जो लैंगिग भेद नही देखता। आकांक्षा ने पुछा कि आज तक कोई भी महिला कैबिनेट सचिव नहीं बनी यह भेदभाव क्यो? डीएम ने उत्तर दिया कि यह संयोग ही है, हाल के वर्षों में अब सिविल सेवा में टॉपर महिलाएं है, आगे जरूर बनेगी। अकबर अली ने पूछा कि कुछ महिलओं द्वारा गलत एफआईआर लिखाया जाता है । डीआइजी ने कहा गलत आरोप की जांच से सत्य का पता चलता है फिर कार्यवाही की जाती है। शिखा यादव ने पूछा कि दहेज कानून का पालन क्यो नही हो रहा है? डीआईजी ने कहा कि दहेज देने शुरुआत लड़की पक्ष से होती है। इसमे महिलाओं का भी योगदान रहता हैं औरते औरते की दुश्मन है।अलका सिंह ने पूछा कि महिला सशक्तिकरण में सोशल मीडिया की क्या भूमिका है? डीआईजी ने कहा मीडिया के लोग भी महिला अधिकार के प्रति तत्पर रहते है। कि विद्यार्थियों को सोशल मीडिया के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए। अच्छे लोगो के सोहबत में रहने से लाभ होता है। डीएम ने कहा कि सोशल मीडिया का कम प्रयोग विकारों से दूर रखेगा। अंजलि श्रीवास्तव ने पूछा कि महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों है? डीएम ने कहा कि पहले महिलाएं मुख्यधारा से बाहर थी क्योकि वो समाज के प्रगति की धुरी है इसलिए सरकार ने ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता महसूस की। जब समानता आ जायेगी तो ऐसे कार्यक्रम की आवश्यकता नहीं रहेगी। एक छात्रा ने सवाल किया कि रेप केस में न्याय में देरी से मानसिक परेशानी बढ़ती हैं। डीएम ने कहा फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और पास्को मामले में न्याय में तीव्रता आई हैं। कार्यक्रम का संचालन उप प्राचार्य डॉ निशा सिंह ने किया। यहाँ पर डॉ विभा सिंह, डॉ मंजू ठाकुर, डॉ नीतू सिंह, डॉ अंजना सिंह, प्रीति प्रकाश, प्रीति सिंह, डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह , डॉ धीरेंद्र कुमार, डॉ अखिलेश सिंह, डॉ प्रभात श्रीवास्तव, डॉ संतोष अंश, डॉ राजेश सिंह, ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह ‘रवि’, रवि सिंह, समर बहादुर सिंह, विष्णु पाल राजेश शर्मा, संजय कुमार, राजेश आदि लोग उपस्थित रहें।