हरिद्वार (प्रेस की ताकत न्यूज डेस्क): करोना की दवा कोरोनिल पर पतंजलि आयुर्वेद ने यू-टर्न ले लिया है। उत्तराखंड आयुष विभाग से मिले नोटिस के जवाब में पतंजलि ने साफ साफ कह दिया है कि उसने कोरोना की कोई दवा नहीं बनाई।
पाठकों को बता दें कि हाल ही में योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मौजूदगी में कोरोनिल की लॉन्चिंग हुई थी। आयुष मंत्रालय के नोटिस से घिर जाने के बाद कोरोना की दवा बना लेने के अपने दावे से स्वामी रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद पलटी मार गई है। उत्तराखंड के आयुष विभाग को भेजे गए नोटिस के जवाब में पतंजलि की ओर से अब कहा गया है कि उन्होंने कभी भी कोरोना की दवा बनाने का दावा नहीं किया। बल्कि उन्होंने एक ऐसी दवाई बनाई है जिससे कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं।
बीती 23 जून को पतंजलि आयुर्वेद ने राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना की दवा बनाने का दावा किया था। इस दवा का नाम कोरोनिल और श्वासारी बटी रखा गया था। योग गुरु बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन की उपस्थिति में हरिद्वार में कोरोनिल को लॉन्च किया गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पतंजलि आयुर्वेद की ओर से यह दावा भी किया गया था कि कोरोना मरीजों पर इसका क्लिनिकल टेस्ट भी किया गया है।
हालांकि इसके ठीक बाद स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुष विभाग ने पतंजलि आयुर्वेद के इस दावे को नकार दिया। मंत्रालय ने कहा कि पतंजलि की ओर से कोरोना की दवा बनाने के लिए लाइसेंस नहीं लिया गया। वहीं उत्तराखंड के आयुष विभाग ने भी कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद की ओर से इम्यूनिटी बूस्टर बनाने का लाइसेंस लिया गया था। इसके साथ ही आयुष विभाग ने पतंजलि आयुर्वेद को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक हफ्ते के भीतर जवाब भी मांगा था। इसी नोटिस के जवाब में पतंजलि की ओर से अपने दावों से 360 डिग्री पर यू टर्न मारते हुए कहा गया है कि उन्होंने कोरोना की दवा बनाने का कभी दावा नहीं किया।