महंगाई के खिलाफ आधा नंगा होकर प्रदर्शन करने वाली प्रजाति कहां है ?
लगातार बढ़ती महंगाई और नाकाम सरकारी नीतियों पर कटाक्ष करते हुए इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहाकि पेट्रोल व डीजल के दाम लगातार कई दिन से बढ़ रहे हैं जिसके प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कारण से रोजमर्रा की प्रत्येक वस्तु के दाम आसमान छूने लगे हैं। समाज का प्रत्येक वर्ग और देश का प्रत्येक व्यक्ति बढ़ती महंगाई के कारण त्रस्त है। आम आदमी की प्लेट से रोटी तक गायब होने को है लेकिन अचंभित करने वाली बात यह है कि सरकार का कोई भी अधिकारी या सत्तासीन नेता ने इस बारे कोई भी टिप्पणी करनी भी उचित नही समझी। आज देश व प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति प्रश्न कर रहा है कि महंगाई के खिलाफ आधा नंगा होकर प्रदर्शन करने वाली वो प्रजाति कहां है ? वो इस दुनिया मे है भी या लुप्त हो गयी। जो लोग पहले गाना गाते थे कि “” सखी सइयां तो बहुत कमात है, महंगाई डायन खाए जात है “” आज उन लोगो को महंगाई डायन की जगह लुगाई या मिठाई लगने लगी है। एक तरफ तो सरकार मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की बात करती है, रोटी-कपड़ा और मकान की बात करती है दूसरी तरफ कपड़े पर भी जीएसटी लगा कर कफ़न भी महंगा कर दिया गया है। मकान बनाने का सपना संजोए जनता देख रही है कि सरिया 40 रुपये से बढ़कर 80 रुपये, सीमेंट 300 रुपये से बढ़कर 425 रुपए और ईंट 4500 रुपये प्रति हज़ार से बढ़कर 7000 रुपये हो गयी है। कैसे बनाएगा कोई मकान यह विचारणीय तथ्य है। जिन लोगो को 65 रुपये पेट्रोल व 48 रुपये डीजल महंगा लगता था वो लोग आज 101 रुपये पेट्रोल व 92 रुपये डीजल पर भी चुप्पी साधे है। आज प्रत्येक व्यक्ति सिर्फ यह चाहता है कि उसके बच्चों को पढ़ाई व दवाई उत्तम व मुफ्त मिले लेकिन अफसोस कि शिक्षा का व्यपारिकरण हो चुका है और हस्पतालों का उद्योगीकरण। प्रत्येक वस्तु के दाम बेतहाशा बढ़ रहे हैं और सरकार मूक दर्शक बने देख रही है। उन्होंने कहाकि इनैलो सरकार आने पर शिक्षा व स्वस्थ के साथ साथ रोजगार पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण करना सरकार का प्राथमिक कर्तव्य है और यदि सरकार ने इस तरफ कोई प्रभावी कदम न उठाया तो जनता सरकार को सबक सिखाने में कोई चूक नही करेगी।