छिंदवाड़ा(भगवानदीन साहू)- परम् पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरणा से श्री योग वेदांत सेवा समिति की बहनों ने प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जिला जेल में निवासरत बंदी भाइयों को रक्षा सूत्र भेंट कर रक्षाबंधन पर्व मनाया । इस अवसर पर पूज्य बापूजी की कृपा पात्र शिष्या साध्वी प्रतिमा बहन का सत्संग भी सम्पन्न हुआ । साध्वी बहन ने बंदी भाइयों को बताया कि मनुष्य के जीवन में तीन प्रकार की जेलें होती हैं । पहली माँ के गर्भ की जेल जहाँ हम 9 माह कैद रहते हैं , दूसरी होती है सरकार की जेल जहां आप लोग निवासरत हो , तीसरी होती है कर्म बंधनों की जेल। जिसमें से प्रथम दो जेल से मनुष्य रिहा हो जाता है। परंतु तीसरी जेल कर्म बंधनों की जेल है जो हमें 84 लाख योनियों में भटकने को मजबूर करती है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को सावधानी पूर्वक कर्म करना चाहिए । कर्म बंधनो की जेल से हमें सद्गुरु या ईश्वर ही मुक्त करने का मार्ग प्रशस्त करतें हैं। आप सब इसे जेल ना समझे यह एक तपस्या स्थली है । यहाँ रहकर अपना मन ईश्वरीय आराधना , ध्यान , भजन पूजन में लगायें। जेल में निवासरत लगभग 720 बंदी भाइयों को बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर , तिलक लगाकर मिठाई खिलाई , बहनों का अपनापन देखकर बंदी भाइयों के आंसू निकल गए । बंदी भाइयों के आलावा जेल प्रशासन के सभी अधिकारी और कर्मचारियों को भी रक्षा सूत्र बांधा गया । समिति की बहनों ने देश की सीमा पर कार्यरत जवानों को भी रक्षा सूत्र प्रेषित किया । कोतवाली थाना जाकर भी वहां पदस्थ थाना प्रभारी और पूरे स्टाफ को रक्षा सूत्र बांधा गया । इस प्रकार के आयोजन देश के 650 जिला जेल केन्दों पर अनवरत जारी हैं । इस दैवीय कार्य में साध्वी रेखा बहन , साध्वी प्रतिमा बहन , गुरुकुल की दर्शना खट्टर , सुमन डोईफोड़े , डॉक्टर मीरा पराड़कर ,छाया सूर्यवंशी , निर्मला पटेल , ललिता घोंघे , रुपाली इंग्ले , मुख्य रूप से उपस्थित रहीं । इस आयोजन में समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई , खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई , युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक डोईफोड़े ने अपनी-अपनी सेवाएं दीं। समिति की बहनों ने जिला जेल के अधीक्षक यजुर्वेद वाधमारे को सहयोग के लिए साधुवाद प्रदान किया।