Web Desk-Harsimranjit Kaur
पंचकूला, 18 अक्तूबर बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में 19 साल बाद सोमवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह समेत पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। वहीं बाकी अन्य चार दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की आधी राशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी। फैसले के खिलाफ राम रहीम हाईकोर्ट जाएगा।
अदालत का फैसला आने से पहले ही सुरक्षा की दृष्टि से सुनारिया जेल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। बंदियों से मिलने पर भी रोक लगा दी गई। शहर के चर्चित विजय नगर हत्याकांड के आरोपी को भी व्यक्तिगत रूप सें अदालत में पेश नहीं किया जा सका।
इसके चलते पुलिस व जेल प्रशासन सुबह से ही हाई अलर्ट पर नजर आया। सुनारिया पुलिस कांप्लेक्स में आने-जाने वाले हर व्यक्ति को पुलिस की गहन जांच से गुजरना पड़ा। वाहन चालक हो या पैदल यात्री हर किसी को जांच पड़ताल के बाद ही कांप्लेक्स में प्रवेश करने दिया गया।
रणजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य दोषी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जबकि अन्य चार दोषी कृष्ण कुमार, अवतार, जसवीर और सबदिल को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में प्रत्यक्ष रूप से पेश किया गया। मामले में 12 अक्तूबर को ही सीबीआई कोर्ट को सजा सुनानी थी लेकिन दोषी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह की ओर से हिंदी भाषा में आठ पेज की अर्जी लिखकर सजा में रहम की अपील की गई थी। उसने अर्जी में अपनी बीमारियों और सामाजिक कार्यों का हवाला दिया था।
कुरुक्षेत्र के रहने वाले रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा का मैनेजर था। राम रहीम इसी डेरे का प्रमुख है। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई। बस इसी शक में उसकी हत्या कर दी गई।
2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। हालांकि, शुरूआत में इस मामले में डेरामुखी का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल किया गया था।