छिंदवाड़ा(भगवानदीन साहू)- परम् पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की कृपा पात्र शिष्या साध्वी प्रतिमा बहन का दिव्य सत्संग जिला जेल में सम्पन्न हुआ । लगभग 720 बन्दी और लगभग 150 कर्मचारियों ने सत्संग का लाभ लिया । साध्वी बहन ने बताया कि आप सभी लोग इसे जेल ना समझे यह तपस्या स्थली है । अपना मन ईश्वरीय आराधना , ध्यान , भजन पूजन में लगाएं । कभी – कभी प्रारब्ध वेग के कारण सब कुछ घटित होता है। भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली भी जेल ही है । हमारे देश को आजादी दिलाने वाले कई क्रांतिकारियों को भी कई- कई महीनों जेल में रहना पड़ा है । जब भी आप मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त हों तब आप भगवान श्रीकृष्ण का जीवन चित्रण याद करें , पढ़ें या देखें ; कि कितनी विपरीत परिस्थितियों में भी वे सदैव प्रसन्न और खुश रहतें हैं ।कभी – कभी न्याय सिद्धान्तों की बेरुखी के कारण भी जेल में रहना पड़ता है। अंग्रेजों के समय बंदियों के साथ बहुत बुरा व्यवहार होता था। उन्हें भोजन से भी वंचित रखा जाता था । पर अब सरकार ने अच्छी व्यवस्था कर रखी है । यहां ध्यान , भजन , पूजन की भी व्यवस्था है । सभी बन्दियों ने साध्वी बहनों के “रक्षाबंधन पर्व” की खूब सराहना की । जेल प्रशासन और बन्दियों ने साध्वी बहनों से प्रार्थना की , कि समय- समय पर हम सब को सत्संग का लाभ मिलते रहे । इन सब की प्रार्थना को साध्वी बहन ने सहर्ष स्वीकार कर लिया । इस दैवीय कार्य में खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई, समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई , गुरुकुल की संचालिका दर्शना खट्टर , लिंगा आश्रम से साध्वी रेखा बहन , युवा सेवा संघ के अध्यक्ष दीपक दोईफोड़े , संजू कराडे , धनाराम सनोडिया , सुमन दोईफोड़े , छाया सूर्यवंशी , शकुंतला कराडे , विमल शेरके ने अपनी – अपनी सेवाएं दीं।
समिति के अध्यक्ष मदन मोहन परसाई ने जिला जेल अधीक्षक युजवेंद्र वाघमारे ओर जेलर धर्माधिकारी का आभार व्यस्त किया ।