शिक्षा के अधिकार के बावजूद बच्चों की शिक्षा के लिए परेशान अभिभावक:-ओंकार सिंह
चपरासी से लेकर प्रधानमंत्री तक के बच्चों की सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अनिवार्य हो।
बच्चों के अभिभावक परेशान, सरकार निकाले हल।
सेसिल कान्वेंट व लार्ड महावीर जैन पब्लिक स्कूल द्वारा फीस वृद्धि व वार्षिक शुल्क मांगे जाने के खिलाफ लामबंद हुए अभिभावक इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह के साथ फण्ड एवं फी रेगुलेटरी अथॉरिटी कम कमिश्नर अम्बाला रेंज को लिखित शिकायत करने कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। अपनी लिखित शिकायत में उन्होंने स्कूल प्रबंधन द्वारा वार्षिक शुल्क को फीस में मिलाकर मांगे जाने का व बिना ट्यूशन फी और वार्षिक शुल्क के बच्चों की शिक्षा अवरुद्ध करने का विरोध किया। इस अवसर पर अभिभावक अमित अग्रवाल ने स्कूल प्रबंधन के रवैये तो तानाशाही करार देते हुए कहाकि इस मामले को लेकर शिक्षा सदन हरियाणा में डायरेक्टर तक को मिल कर आए हैं लेकिन प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण बच्चों के अभिभावक आहत हैं। ओंकार सिंह ने कहाकि प्रत्येक वर्ष यह मामला उठता है और अभिभावक परेशान होते हैं लेकिन सरकार के सख्त एक्शन न लेने के कारण अभिभावकों को कोई राहत नही मिलती। जिला शिक्षा अधिकारी श्री सुरेश कुमार से बात करने और उन्होंने सभी स्कूलों को पत्र लिखकर निर्देश देने की बात कही की कोई भी स्कूल फीस व वार्षिक शुल्क अदा न करने पर न तो किसी बच्चे का नाम क्लास से काट सकता है,न पेपर में बैठने से मना कर सकता है और न ही परीक्षा के परिणाम को रोक सकता है। इस बारे जब खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीमती रेणु अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने निर्देश देने की बात को सिरे से नकार दिया। ओंकार सिंह ने कहाकि ऐसे सिक़ह के अधिकार का क्या फायदा जिसमे बच्चों व अभिभावकों को अच्छी शिक्षा के लिए तरसना पड़े। आज शिक्षा का व्यवसायीकरण हो चुका है और सरकार इस कार्य मे बराबर की दोषी है। शिक्षा के अधिकार की कामयाबी तभी सम्भव है जब सरकारी स्कूलों का स्तर निजी स्कूलों से अच्छा व उच्च कर दिया जाए लेकिन हरियाणा के सरकारी स्कूलों की हालत तो खस्ता व बदतर है। बिल्डिंग व फर्नीचर अच्छा होना तो दूर की बात है अच्छे व अनुभवी अध्यापक, प्रशिक्षक व प्रधानाचार्य भी उपलब्ध नही है। उन्होंने जनता से वायदा किया कि इनैलो सरकार बनने पर सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधार कर ऐसी कर दी जाएगी कि अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाने के लिए जद्दोजहद करेंगे। उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसी व्यवस्था बनाए जिसमे सरकारी फंड से पैसा प्राप्त करने वाले प्रत्येक व्यक्ति चाहे वो चपरासी हो, डीसी हो, एसपी हो, मंत्री हो, मुख्यमंत्री हो, प्रधानमंत्री हो या राष्ट्रपति, प्रत्येक के लिए अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना अनिर्वाय हो। ऐसी व्यवस्था होगी तो सरकारी स्कूलों के हालत अपने आप सुधर जाएंगे। इस अवसर पर सुरिंदर खन्ना, संजीव कुमार, देव प्रताप, रेणु, हरमिंदर सिंह, शिवानी, नीतू, राजिंदर कुमार,संजय कुमार, रेशम कौर व अन्य अभिभावक उपस्थित थे।