• Login
Tuesday, June 24, 2025
No Result
View All Result
Press Ki Taquat
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • EDUCATION
  • E-PAPER
  • CONTACT US
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • EDUCATION
  • E-PAPER
  • CONTACT US
No Result
View All Result
Press Ki Taquat
No Result
View All Result
Home BREAKING

कुछ ऐसा था श्री गुरु रामदास जी का जीवन

admin by admin
in BREAKING, PUNJAB
0
कुछ ऐसा था श्री गुरु रामदास जी का जीवन
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
  • Facebook
  • Twitter
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link

श्री गुरु रामदास साहेबजी का प्रकाश (जन्म) कार्तिक वदी 2, विक्रमी संवत 1591 (24 सितंबर सन् 1534) को पिता हरदासजी के घर माता दयाजी की कोख से लाहौर (अब पाकिस्तान में) की चुना मंडी में हुआ था। श्री रामदासजी सिखों के चौथे गुरु थे।बाल्यकाल में आपको’भायी जेठाजी’के नाम से बुलाया जाता था। छोटी उम्र में ही आपके माता -पिता का स्वर्गवास हो गया। इसके बाद बालक जेठा अपने नाना -नानी के पास बासरके गांव में आकर रहने लगे। कम उम्र में ही आपने जीविकोपार्जन प्रारंभ कर दिया था।

कुछ सतसंगी लोगों के साथ बचपन में ही आपने गुरु अमरदासजी के दर्शन किए और आप उनकी सेवा में पहुंचे। आपकी सेवा से प्रसन्न होकर गुरु अमरदासजी ने अपनी बेटी भानीजी का विवाह भायी जेठाजी से करने का निर्नय लिया। आपका विवाह होने के बाद आप गुरु अमरदासजी की सेवा जमायी बनकर नकरते हुए एक सीख की तरह तन -मन से करते रहे।

गुरु अमरदासजी जानते थे की जेठाजी गुरुगद्दी के लायक हैं, पर लोक -मर्यादा को ध्यान में रखते हुए आपने उनकी परीक्षा भी ली। उन्होंने अपने दोनों जमाययों को’थडा’बनाने का हुक्म दिया। शाम को वे उन दोनों जमाययों द्वारा बनाए गए थडों को देखने आए। थडे देखकर उन्होंने कहा की ये ठीक से नहीं बने हैं, इन्हें तोड़कर दोबारा बनायो।

गुरु अमरदासजी का आदेश पाकर दोनों जमाययों ने दोबारा थडे बनाए। गुरु साहेब ने उन थडों को नापसंद कर दिया और उन्हें दोबारा से थडे बनाने का हुक्म दिया। इस हुक्म को पाकर दोबारा थडे बनाए गए। पर अब जब गुरु अमरदास साहेबजी ने इन्हें फिर से नापसंद किया और फिर से बनाने का आदेश दिया, तब उनके बड़े जमायी ने कहा -‘में इससे अच्छा थडा नहीं बना सकता’। पर भायी जेठाजी ने गुरु अमरदासजी का हुक्म मानते हुए दोबारा थडा बनाना शुरू किया। यहें से यह सिद्ध हो गया की भायी जेठाजी ही गुरुगद्दी के लायक हैं।
भायी जेठाजी (गुरु रामदासजी) को 1सितंबर सन् 1574 ईसवी में गोविंदवाल जिला अमृतसर में श्री गुरु अमरदासजी द्वारा गुरुगद्दी सौंपी गई। वीं शताब्दी में सिखों के चौथे गुरु रामदास ने एक तालाब के किनारे डेरा डाला जिसके पानी में अद्भुत शक्ति थी। इसी कारण इस शहर का नाम अमृत सर (अमृत का सरोवर) पड़ा।। गुरु रामदास के पुत्र ने तालाब के मध्य एक मंदिर का निर्माण कराया, जो आज अमृतसर, स्वर्ण मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

श्री गुरु रामदासजी के प्रकाश पर्व पर श्री हरमंदिर साहिब में रंगबिरंगी फूलों की सजावट की जाती है, जहें देश -विदेश से माथा टेकने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं।

Post Views: 80
  • Facebook
  • Twitter
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Facebook Messenger
  • Copy Link
Tags: Amardasji knew that JethajiColorful flowers are decorated in Harmandir Sahibdaughter bhaniji marriageDecided to do with Jethajideserve the throneFather HardasjiGolden TempleHappened in Chona MandiHappy Guru AmardasjiJethajiLahoreLakhs of devotees come from all over the country and abroad to bow their headsMata DayajiOrderPrakash (born) KartikRamdasShri Guru Ramdas SahebjiSikhs in the fourth centurytaking into account the dignity of the peopleThe amazing power in whose waters campedThe fourth Guru of the Sikhs wasTo make the deposits 'Thada'Visited Guru AmardasjiWhich today is famous as Amritsaryou arrived at their service
Previous Post

कैप्टन बोले, नयी पार्टी बनाने का फ़ैसला अटल, नवजोत सिद्धू पर दिया बड़ा बयान

Next Post

हादसे का शिकार हुआ भारतीय हवाई फ़ौज का जहाज़, तकनीकी ख़राबी कारण हुआ हादसा, बाल-बाल बचा पायलट

Next Post
हादसे का शिकार हुआ भारतीय हवाई फ़ौज का जहाज़, तकनीकी ख़राबी कारण हुआ हादसा, बाल-बाल बचा पायलट

हादसे का शिकार हुआ भारतीय हवाई फ़ौज का जहाज़, तकनीकी ख़राबी कारण हुआ हादसा, बाल-बाल बचा पायलट

  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • EDUCATION
  • E-PAPER
  • CONTACT US

© 2023 presskitaquat.com - Powered by AMBIT SOLUTIONS.

No Result
View All Result
  • HOME
  • BREAKING
  • PUNJAB
  • HARYANA
  • INDIA
  • WORLD
  • SPORTS
  • ENTERTAINMENT
  • EDUCATION
  • E-PAPER
  • CONTACT US

© 2023 presskitaquat.com - Powered by AMBIT SOLUTIONS.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In