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शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने अपनाया हिन्दू धर्म

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शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने अपनाया हिन्दू धर्म
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गाजियाबाद,7 दिसंबर (प्रेस की ताकत बयूरो)-  उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया है. धर्म बदलने के बाद उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है. जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें सनातन धर्म ग्रहण कराया और इसके बाद रिजवी का नया नामकरण हुआ.

रिजवी ने डासना मंदिर पहुंचकर कहा कि जब मुझे इस्लाम से निकाल ही दिया गया है, तो ये मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं. मैंने सनातन धर्म चुना, क्योंकि दुनिया का सबसे पुराना धर्म है. वसीम रिजवी के सनातन धर्म ग्रहण करने के बाद उनका शुद्धिकरण किया गया. हवन-यज्ञ भी किया गया. सारे अनुष्ठान महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में किए गए

महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने बताया कि भविष्य की सभी शंकाओं के समूल नाश के लिए ही वसीम रिजवी का नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा गया है। दूसरी ओर मेरे पिता की इच्छा थी कि वसीम से जितेंद्र बने पूर्व चेयरमैन को उनके तीसरे पुत्र की पहचान और अधिकार मिलें। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि बुलंदशहर अंतर्गत हरनौट के मूल निवासी हैं। उनकी 12वीं तक की शिक्षा-दीक्षा भारत में हुई, इसके आगे की पढ़ाई मास्को में। मास्को से ही उन्होंने एमटेक किया। वर्ष 2000 में उन्होंने संन्यास ग्रहण कर लिया। उसके बाद ही उनका नाम दीपेंद्र नारायण त्यागी से यति नरसिंहानंद सरस्वती हो गया। आमतौर पर इनके परिवार में नाम के साथ नारायण लगाने की परंपरा है। दो भाइयो में बड़े यति नरसिंहानंद के पिता का नाम राजेश्वर दयाल त्यागी है। बाबा का नाम हर नारायण सिंह त्यागी और उनके पिता का नाम हरवीर नारायण सिंह त्यागी था। इसी क्रम में अब वसीम रिजवी का नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा गया है।

शव का अंतिम संस्कार हिंदू रीति से कराने की इच्छा

महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने बताया कि वसीम रिजवी 5 नवंबर को मंदिर में आए थे. उसी दिन उन्होंने कह दिया था कि मृत्यु के बाद उनके शव का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाज से किया जाए. इसके लिए उन्होंने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि को अधिकृत भी कर दिया था. बाकायदा उस दिन वसीम रिजवी मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना करके भी गए थे.

कुरान से 26 आयत हटाने को दायर की थी याचिका

वसीम रिजवी मूल रूप से लखनऊ के निवासी हैं. साल-2000 में वह लखनऊ के मोहल्ला कश्मीरी वार्ड से सपा के नगरसेवक चुने गए. 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और फिर बाद में चेयरमैन बने. वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जो खारिज हो गई. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को लेकर वसीम रिजवी पर जुर्माना भी लगाया था.

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