डेरा बाबा नानक, 16 नवंबर (प्रेस की ताकत ब्यूरो)-पंजाब के भाजपा नेताओं की तरफ से बीते दिन प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी और ग्रह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकातें के बाद आज भारत के ग्रह मंत्री अमित शाह की तरफ से 17 नवंबर से डेरा बाबा नानक की अंतरराष्ट्रीय सरहद से 4किलोमीटर दूर पाकिस्तान में स्थित पहली पातशाही श्री गुरू नानक देव जी के जीवन के साथ सम्बन्धित गुरदुआरा श्री करतारपुर साहब के दर्शन – दीदार्यें के लिए भारत -पाक अंतरराष्ट्रीय सरहद पर बने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने के ऐलान के साथ जहाँ गुरू नानक नामलेवा संगतें बाग़ों -बाग़ हो गई हैं, वहां सरहदी कस्बा डेरा बाबा नानक के लोगों की तरफ से भी इस कॉरिडोर के खुलने साथ कारोबार बढ़ने की आशा अभिव्यक्ति गई है।
आपको बता दें कि 9नवंबर 2019 में भारत के प्रधान नरिन्दर मोदी की तरफ से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहब के दर्शनों के लिए डेरा बाबा नानक के साथ लगती भारत -पाक अंतरराष्ट्रीय सरहद पर करतारपुर कोरीडोर का रस्मिया तौर पर उद्घाटन किया गया और इस साथ-साथ पाकिस्तान सरकार की तरफ से भी भारतीय संगत के करतारपुर साहब के दर्शन -दीदार्यों के लिए पहुँचने पर विशेष प्रबंध किये गए थे परन्तु कोरोना महामारी के चलते 2020 में करतारपुर कोरीडोर बंद कर दिया गया था। संगतें की तरफ से बार -बार अरदास की जा रही थी कि कोरोना महामारी का प्रकोप घटने पर जब सभी गुरूधाम खोल दिए गए हैं तो श्री करतारपुर साहब के कॉरिडोर में अनावश्यक देरी क्यों की जा रही है और संगतें गुरू नानक देव जी के 19 नवंबर को प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा करतारपुर साहब के दर्शनों के लिए अरदास -विनतियाँ कर रही थीं, जिस को मानते आज भारत सरकार की तरफ से करतारपुर कॉरिडोर खोलने का ऐलान कर दिया गया है।
भारत -पाक दरमियान शान्ति का दूत बन सकता है श्री करतारपुर साहब कारीडोर
संगतें की तरफ से पिछले दो दशकों से करतारपुर साहब का रास्ता खोलने के लिए मुहिम चलाई गई थी, जिस के अंतर्गत कई धार्मिक संस्थायों अपनी -अपने स्तर पर रास्ता खुल्ल्हवाउण के लिए कोशिशों करती आ रही थीं, जिस में करतारपुर रावी दर्शन अभिलाखी संस्था, करतारपुर कॉरिडोर निगम, संगत रास्ता आदि जत्थेबंदियाँ प्रमुख हैं, इस साथ-साथ पंजाब की अलग -अलग सरकारें की तरफ से भी करतारपुर साहब का रास्ता खोलने के लिए केंद्र सरकार से माँग की जाती रही थी। सभी धार्मिक संस्थायों का यह भी मानना था कि करतारपुर साहब का रास्ता इस क्षेत्र में जहाँ अमन -शान्ति लिया सकता है, वहां ही दोनों देशों दरमियान व्यापार की संभावनायों भी बढ़ सकतीं हैं। चाहे करतारपुर कोरीडोर बनने के बाद कुछ कु महीनों बाद ही कोरोना महामारी के चलते यह रास्ता बंद हो गया परन्तु सरहदी और पिछड़े डेरा बाबा नानक के लिए व्यापार के रास्ते भी खोल गया।करतारपुर साहब का रास्ता खुलने साथ सरहदी क्षेत्र में बढ़ सकता है व्यापार: डेरा बाबा नानक और आशा -पास के गाँवों के लोगों का कहना है कि करतारपुर साहब का रास्ता खुलने साथ इस सरहदी क्षेत्र में व्यापार बढ़ने की भरपूर संभावनायों हैं परन्तु भारत सरकार को चाहिए कि करतारपुर साहब के दर्शनों के लिए के पासपोर्ट की शर्त को ख़त्म कर कर आधार कार्ड या ओर दस्तावेज़ों पर ही जाने की इजाज़त मिलनी चाहिए तो ही बड़ी संख्या में संगतें अपने गुरूधाम के दर्शन कर सकेंगी।
श्री करतारपुर साहब का रास्ता खोलने पर भारत सरकार का शुकराना
भारत सरकार की तरफ से श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश दिहाड़े से पहले ही करतारपुर साहब का रास्ता खोलने पर गुरू नानक वंशज बाबा सुखदीप सिंह बेदी, गुरू नानक वंशज महंत बाबा अवतार सिंह बेदी श्री चोला साहब वाले, गुरू नानक देव जी की वीं पीढ़ी के साथ सबंधित बाबा बलबीर सिंह बेदी श्री चोला साहब वालों आदि की तरफ से भारत सरकार का शुकराना किया गया और हरेक के भले ली अरदास करते संगतें को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश दिहाड़े के सम्बन्ध में करतारपुर साहब का रास्ता खोलने की बधाई भी दी गई।