क्या पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को मोबाइल फोन से डर लगता है? ये बात इसलिए कही जा रही है क्योकि कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ कैप्टन से मिलने के लिए गए थे इस दौरान उनका फोन बाहर ही रखने के लिए कहा। इस बात से नाराज होकर सुनील जाखड़ कैप्टन से बिना मिले ही वापस चले गए। बता दें कि कैप्टन से मुलाकात करने से पहले कैप्टन की कोठी से बाहर विधायकों अफसरों औऱ लीड़रो के मोबाइल फोन को पहले बाहर रखवा लिए जाते है।
इसी तरह ही कल भी डीजीपीज़ और एडीजीपीज़ के फोन को बाहर रखवा दिए गए थे। अब सवाल ये उठता है कि कैप्टन अमरिंदर पंजाब के मुख्यमंत्री होने के बावजुद भी असुरक्षित महसूस क्यो करते है यदि वो अपने लिए इतनी असुरक्षित महसूस कर रहे है तो पंजाब के लोगों को कैसे सुरक्षित महसूस करवाएंगे। दूसरा सवाल ये भी उठता है कि कैप्टन ऐसा क्यो करते है जिस कारण पार्टी प्रधान के साथ फोन के साथ बात करना डर लगता है। कैप्टन अमरिंदर अपनी पार्टी के लोगों पर विश्वास क्यो नही करते है।
जिस कारण अब कांग्रेसी ही पूछना चाहते है कि क्या कैप्टन के मन में कोई चोर है। कैप्टन अमरिंदर से मिलने आए सुनील जाखड़ कैप्टन अमरिंदर के काफी करीब रहे है तो अब क्या कैप्टन को सुनील जाखड़ पर ही विश्वास नहीं है ऐसा क्यों ? क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह को ऐसा लग रहा था कि सुनील जाखड़ अपने मोबाइल में उनकी बातों को रिकॉर्ड कर लेंगे।
सुनील जाखड़ उनसे इसलिए मिलना चाहते थे क्योकि पुलिस अफसरों की बदली किए जाने के कारण कांग्रेसी इन बदलियों से बेहद नाराज चल रहे है। फिर ऐसे मामले पर कैप्टन जाखड़ से बिना फोन से क्यो मिलना चाहते है। विपक्ष पार्टियों का कहना है कि कैप्टन अमरिंदर की सरकार चलाने में कोई रूची नहीं है वह और कोई कामों में लगी हुए है। जो वादें करके कैप्टन सत्ता मे आए थे अब सरकार बनने के बाद वो अपने वादों से भाग रहे है।