हिमाचल प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर तांडव मचाया है। प्रदेश में आसमान से आफत बरस रही है। मूसलाधार वर्षा से आई बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं में सोमवार को 37 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। राज्य के सभी प्रमुख मार्गों सहित संपर्क सड़कें जमीन धंसने, भूस्खलन, पेड़ गिरने और बाढ़ के कारण बंद हो गई हैं। इसके चलते लोग अपने घरों तक ही सीमित होकर रह गए हैं।
राजधानी शिमला के समरहिल क्षेत्र की शिव बावड़ी में हुए भूस्खलन में 25 से 30 लोग दब गए हैं। इनमें से अभी तक 10 लोगों के शव बरामद किये जा चुके हैं, जबकि अन्य को निकालने के लिए राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी भूस्खलन स्थल का दौरा किया और राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इस समय सरकार की प्राथमिकता फंसे लोगों को बचाना है।
शिमला के ही फागली में हुए भूस्खलन की चपेट में कई घर आ गए। इस घटना में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 अन्य घायल हो गए हैं, 7-8 लोगों के दबे होने की आशंका है। भूस्खलन के कारण यहां कई भवनों को खतरा पैदा हो गया है।
उधर, सोलन जिला के कंडाघाट उपमंडल की ममलीग उप-तहसील के जडौन गांव में बीती रात बादल फटने की घटना में 7 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में हरनाम सिंह, उनकी पत्नी खेमलता, 13 वर्षीय बेटा राहुल, 11 वर्षीय बेटी नेहा, कमल किशोर, उनका 9 वर्षीय बेटा गौरव और 12 वर्षीय बेटी रक्षा शामिल है। बादल फटने की इस घटना में 5 लोग घायल हो गए। हरनाम और रतीराम नामक व्यक्ति का मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। सड़कें बंद होने के कारण घटनास्थल तक राहत दलों को पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं।
सोलन जिला के अर्की तहसील की बलेरा पंचायत के चलोग गांव में एक मकान ढह जाने से दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति की खोज जारी है। सोलन के ही राम शहर और बद्दी में भी मकान ढह जाने की घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई है।
मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र की कटौला तहसील की ग्राम पंचायत सेगली बंबोला के चलाहर गांव में एक मकान ढह जाने से 8 लोग दब गए। इनमें से 7 लोगों के शव बरामद कर लिये गए हैं। डीएसपी पधर संजीव सूद ने कहा कि एनडीआरएफ और कमांद पुलिस चौकी की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई है। इसी क्षेत्र में पराशर को जाने वाली सड़क पर बना बागी नाला पुल बाढ़ में बह गया है। इससे पराशर क्षेत्र का सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है। मंडी जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर मझवाड़ गांव में भी एक मकान के ढह जाने से परिवार के दो सदस्य मलबे में दब गए हैं। इनमे एक बुजुर्ग महिला और एक युवती शामिल हैं।
हमीरपुर में उपायुक्त ने बताया कि जिले में मूसलाधार बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि दो अन्य लापता हैं। उन्होंने जिले के सभी निवासियों से खराब मौसम के मद्देनजर खास एहतियात बरतने और अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचने की अपील की है। उधर कुल्लू जिला में हो रही भारी वर्षा के चलते क्लाथ के पास कुल्लू को जोड़ने वाली सड़क एक बार फिर बह गई है।
कई लोग फंसे
मंडी-कुल्लू के बीच वाया कटौला सड़क पर जगह-जगह हुए भूस्खलन के कारण 200 अधिक पर्यटक इस सड़क पर फंस गए हैं। डीएसपी पधर संजीव सूद ने कहा कि भूस्खलन के कारण सड़क अनेक स्थानों पर बंद है। इस कारण इस सड़क पर फंसे पर्यटकों की सही संख्या का पता नहीं चल पाया है। मंडी जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर मझवाड़ गांव में भी एक मकान के ढह जाने से परिवार के सभी सदस्य मलबे में दब गए हैं। प्रशासन के लोग मशीनरी के साथ मौके पर पहुंच गए हैं और मलबा हटाने का कार्य जारी है।
सुजानपुर शहर जलमग्न :
हमीरपुर के सुजानपुर क्षेत्र में हुई भारी वर्षा के बाद पूरा सुजानपुर शहर जलमग्न हो गया है। जिले में हो रही भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण बिजली, पानी और संचार सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। उधर कुल्लू जिला में हो रही भारी वर्षा के चलते क्लाथ के पास कुल्लू को जोड़ने वाली सड़क एक बार फिर बह गई है।
घरों से न निकलने की एडवाइजरी
मौसम विभाग के भारी से बहुत भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए सरकार और पुलिस ने लोगों के लिए एडवाइज़री भी जारी की है। सरकार द्वारा जारी एडवाइज़री में लोगों को भारी वर्षा के दौरान बहुत आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलने और अनावश्यक यात्रा से बचने को कहा गया है। एडवाइजरी में कहा गया है कि लोग उन क्षेत्रों में रात को यात्रा करने से बचें, जहां सड़कों की हालत सही नहीं है। इस बीच मौसम विभाग ने राज्य में आज भी भारी से बहुत भारी वर्षा का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है। विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, कुल्लू, लाहौल-स्पिति और सिरमौर में अति भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है।