हरियाणा के शहरी लोगों को मनोहर सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश के शहरों की 450 अनियमित (अवैध) कालोनियों को सरकार ने नियमित कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इन कालोनियों को नियमित करने का ऐलान किया। इतना ही नहीं, 1856 ऐसी कालोनियां हैं, जो पाइप लाइन में हैं। इन्हें नियमित करने की प्रक्रिया टाउन एंड कंट्री प्लानिंग तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शुरू की जा चुकी है।
अवैध कालोनियों को नियमित करने की शर्तों में सरकार ने बड़ी छूट दी है। अब वे सभी कालोनियां नियमित हो सकेंगी, जिनका अप्रोच रोड छह मीटर तथा अंदर की सड़कें तीन मीटर चौड़ी हैं। यानी जिन कालोनियों में अंदरुनी सड़कें 10 फुट तक की हैं, उन्हें भी सरकार वैध करेगी। यह छूट इसलिए दी गई है क्योंकि ऐसी कालोनियां में बसी संख्या में लोग बसे हुए हैं। अगर यह छूट सरकार नहीं देगी तो कालोनियों को नियमित नहीं किया जा सकेगा।
प्रदेश में ऐसा भी पहली बार हुआ है, जब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अंतर्गत आने वाली कालोनियों को नियमित किया है। बृहस्पतिवार को सीएम ने जिन 450 कालोनियों को नियमित किया, उनमें 211 कालोनियां शहरी स्थानीय निकायों – नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के अधीन आती हैं। वहीं, 239 कालोनियां निकायों से बाहर और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के कंट्रोल्ड एरिया के अंडर आने वाली हैं, जिन्हें वैध घोषित किया है।
भाजपा सरकार ने 2014 से 2022 तक के दौरान राज्य में कुल 685 कालोनियों को नियमित किया था। वहीं, इस साल 450 कालोनियों को नियमित किया है। यानी मौजूदा सरकार ने अभी तक 1135 कालोनियों को रेगुलर किया है। पूर्व की हुड्डा सरकार के दस वर्षों के कार्यकाल के दौरान राज्य के शहरों की 874 कालोनियों को नियमित किया गया था। सीएम ने कहा कि 1856 ऐसी कालोनियां हैं, जो अभी अवैध हैं और उन्हें नियमित करने की प्रक्रिया दोनों विभागों द्वारा की जा रही है। इसके लिए सर्वे भी किया जा रहा है।
इन 1856 कालोनियों में से 727 ऐसी हैं, जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा नियमित की जानी हैं। बाकी की 1129 कालोनियां निकायों के अधीन आती हैं। सीएम ने कहा कि कालोनियों को नियमित करना इसलिए जरूरी हो गया था, क्योंकि इनमें रहने वाले लोगों पर अवैध की तलवार लटकी रहती थी। ऐसी कालोनियों में जमीनी की रजिस्ट्री भी बंद थी। नियमित होने के बाद इन कालोनियां में जमीनों की खरीद-फरोख्त भी हो सकेगी और यहां रहने वाले लोगों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं भी मिल सकेंगी। सरकार ने अवैध कालोनियों में रहने वाले लोगों को एक और बड़ी छूट दी है। पहले ऐसी कालोनियों को नियमित करवाने के लिए संबंधित कालोनी की रजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आवेदन किया जाना अनिवार्य था। बहुत सी कालोनियों में एसोसिएशन नहीं बनी। ऐसे में तय किया है कि संबंधित कालोनी के पांच नागरिक भी मिलकर अगर आवेदन करेंगे तो उनका रजिस्ट्रेशन स्वीकार किया जाएगा और संबंधित विभाग द्वारा ऐसी कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सीएम ने कहा कि 20 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाली कॉलोनियों में रहने के लिए बेहतर वातावरण बनाने हेतु 500 वर्गमीटर तक के पार्क, खुली जगहों और सामुदायिक भवन के प्रावधान किए जाएंगे। इसके लिए उन कॉलोनियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिनमें डेवलपर के स्वामित्व वाला क्षेत्र बेचा नहीं गया है। इन कॉलोनियों में अग्निशमन मानदंडों में ढील देने की जरूरत है। इनके लिए डेवेलपर/आरडब्ल्यूए द्वारा आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएंगे और अग्निशमन विभाग से लिखित में परामर्श किया जाएगा।
इस मौके पर सीएम के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता तथा निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।