चण्डीगढ़, 6 सितम्बर (शिव नारायण जांगड़ा)-पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि बटाला को ज़िला ऐलानने की माँग पहले ही विचाराधीन है और इस संबंधी अंतिम फ़ैसला सम्बन्धित अलग-अलग मामलों को विचारने के बाद लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने अपने कैबिनेट साथियों तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा और सुखजिन्दर सिंह रंधावा की तरफ से इस सम्बन्धित की माँग के जवाब में कहा कि उन्होंने ऐसा ही माँग पत्र बीते महीने एक अन्य कांग्रेसी नेता से प्राप्त किया था और वह मामले को विचार रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से मीडिया में कुछ रिपोर्टों भी यह दर्शाती हैं कि बटाला के निवासियों ने भी सार्वजनिक तौर पर अपने क्षेत्र को नया ज़िला बनाने की माँग की है।
मुख्यमंत्री ने हैरानी ज़ाहिर करते हुये कहा कि न तो तृप्त बाजवा और न ही सुखजिन्दर रंधावा ने सार्वजनिक तौर पर उठी इस माँग संबंधी रिपोर्टों को देखा और ऐसे ढंग से सांझा पत्र लिखने से पहले उनके साथ इस मुद्दे को विचारना उपयुक्त समझा। दोनों मंत्रियों पर चुटकी लेते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, “यदि वह मेरे पास आए होते और इसके बारे बात की होती तो मैं उनको बता देना था कि मैं इस मामले को पहले ही विचार रहा हूं और इस सम्बन्ध में उनके साथ सलाह -परामर्श भी कर लेता।“
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि संसद मैंबर स. प्रताप सिंह बाजवा ने 11 अगस्त, 2021 के अपने पत्र में बटाला की ऐतिहासिक महत्ता बताते हुये और सन 1487 में श्री गुरु नानक देव जी के यहाँ माता सुलक्खनी जी के साथ हुए विवाह का हवाला देते हुये पहले ही बटाले को ज़िले का दर्जा देने की माँग की हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बटाला की पंजाब के इतिहास और सभ्याचार में महत्ता के साथ-साथ लोगों की भावनाओं के बारे जानते हैं। उन्होंने कहा कि वह फ़ैसला लेने से पहले अलग-अलग भाईवालों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से 79 गाँवों और 24 कस्बों में 103 स्थानों की शिनाख़्त की थी, जिनको गुरू साहिब के चरण स्पर्श प्राप्त है। इनके लिए फंड अलाट किये गए थे और इन प्रत्येक स्थानों को अलग ढंग से विकसित करने को यकीनी बनाने के यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए बहुत सोच -विचार और सलाह-मशवरे हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में सभी ऐतिहासिक शहरों और स्थानों ख़ास कर जो कोई किसी भी तरह गुरू साहिबान से सम्बन्धित होने, के बुनियादी ढांचे के विकास और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए संभावनाएं तलाशने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान यह यकीनी बनाने के लिए सब कुछ करेंगे जिससे बटाले को उसका बनता हक मिल सके।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि संसद मैंबर स. प्रताप सिंह बाजवा ने 11 अगस्त, 2021 के अपने पत्र में बटाला की ऐतिहासिक महत्ता बताते हुये और सन 1487 में श्री गुरु नानक देव जी के यहाँ माता सुलक्खनी जी के साथ हुए विवाह का हवाला देते हुये पहले ही बटाले को ज़िले का दर्जा देने की माँग की हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बटाला की पंजाब के इतिहास और सभ्याचार में महत्ता के साथ-साथ लोगों की भावनाओं के बारे जानते हैं। उन्होंने कहा कि वह फ़ैसला लेने से पहले अलग-अलग भाईवालों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से 79 गाँवों और 24 कस्बों में 103 स्थानों की शिनाख़्त की थी, जिनको गुरू साहिब के चरण स्पर्श प्राप्त है। इनके लिए फंड अलाट किये गए थे और इन प्रत्येक स्थानों को अलग ढंग से विकसित करने को यकीनी बनाने के यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए बहुत सोच -विचार और सलाह-मशवरे हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में सभी ऐतिहासिक शहरों और स्थानों ख़ास कर जो कोई किसी भी तरह गुरू साहिबान से सम्बन्धित होने, के बुनियादी ढांचे के विकास और तरक्की को यकीनी बनाने के लिए संभावनाएं तलाशने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान यह यकीनी बनाने के लिए सब कुछ करेंगे जिससे बटाले को उसका बनता हक मिल सके।
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