~ आज का हिन्दू पंचांग ~
⛅दिनांक – 17 अक्टूबर 2022
⛅दिन – सोमवार
⛅विक्रम संवत् – 2079
⛅शक संवत् – 1944
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – शरद
⛅मास – कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र में अश्विन मास)
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – सप्तमी सुबह 09:29 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅नक्षत्र – पुनर्वसु 18 अक्टूबर प्रातः 05:13 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅योग – शिव शाम 04:02 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅राहु काल – शाम 04:46 से 06:13 तक
⛅सूर्योदय – 06:37
⛅सूर्यास्त – 06:12
⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:58 से 05:48 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:00 से 12:50 तक
⛅व्रत पर्व विवरण – तुला संक्रांति
⛅ विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹 तुला संक्रांति – 17 अक्टूबर 2022🌹
🌹 पुण्य काल : दोपहर 12:24 से सूर्यास्त तक
🌹इसमें किया गया जप, ध्यान, दान व पुण्यकर्म अक्षय होता है ।
🔹सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ🔹
🔹सुख-समृद्धि व प्रेमवृद्धि हेतु🔹
🌹 गुरुवार को अपने हाथ से पहली रोटी बनाकर उस पर शुद्ध देशी घी से स्वस्तिक का चिह्न बनायें और उस पर थोड़ा सा गुड़ रख के देशी गाय को खिला दें । खिलाते समय मानसिक रूप से ‘ॐ गुरुदेवाय नमः’ का जप करें । इससे परिवार में सुख-समृद्धि तो अवश्य ही आयेगी, साथ ही पति की आयु में और सास-बहू के आपसी प्रेम में वृद्धि होगी ।
🔹शंकालु स्वभाव की निवृत्ति🔹
🔹यदि पति या पत्नी का शंकालु स्वभाव है तो शयनकक्ष में मोरपंख इस तरह लगायें कि कक्ष में प्रवेश करते समय और सोते समय मोरपंख दिखाई दे । इससे काफी हद तक शंकालु स्वभाव शांत हो जायेगा ।
🔹सकारात्मक वातावरण हेतु🔹
🔹ससुराल में यदि बहू के कार्यों का अनावश्यक विरोध किया जाता हो तो बहू सबके प्रति शुभ भाव रखे और प्रत्येक अमावस्या को घर में नमक मिले पानी से पोंछा लगाये । इससे घर में सकारात्मक वातावरण बनेगा ।
🔹घर की बाधाएँ दूर करने के लिए🔹
🔹प्रातःकाल दीपक जलाकर उसमें २ अखंडित लौंग डाल दें । उसके बाद घर से प्रस्थान करें । कार्य में आनेवाली बाधाएँ नष्ट हो जायेंगी ।
📖 ऋषि प्रसाद – सितम्बर 2022
🔹जकड़ाहट, आमवात, गठिया, जोड़ों का दर्द आदि हो तो…
(१) शरीर जकड़ा हुआ है, आमवात, जोड़ों का दर्द, घुटनों का दर्द आदि की शिकायत ज्यादा है तो भोजन के समय १ गिलास गुनगुना पानी रखो । उसमें अदरक के रस की १०-१२ बूँदें डाल दो अथवा चौथाई ग्राम (१ चनाभर) सोंठ चूर्ण मिला दो । भोजन के बीच-बीच में २-२ घूँट वह पानी पियो ।
(२) ८० ग्राम लहसुन की कलियाँ कूट के १०० ग्राम अरंडी के तेल में डाल दें और गरम करें । कलियाँ जल जायें तो वह तेल उतार के रख लें । इससे घुटनों की, जोड़ों की मालिश करने से फायदा होता है ।