चंडीगढ़, 17 अक्तूबर (ट्रिन्यू)(प्रेस की ताकत ब्यूरो)
हरियाणा में कांग्रेस संगठन का गठन एक बार फिर लटक गया है। पार्टी नेताओं के बीच चल रही गुटबाजी और आपसी खींचतान के चलते पिछले लगभग 9 वर्षों से राज्य में संगठन का गठन नहीं हो पाया है। हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संभावित जिलाध्यक्षों के नामों की सूची सौंप चुके हैं। इस पर अभी तक प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन नहीं हुआ है। ऐसे में मामला अधर में लटक गया है।
वहीं दूसरी ओर, यह दलील दी जा रही है कि पांच राज्यों-मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में हो रहे विधानसभा चुनावों की वजह से संगठन गठन में देरी हो रही है। कांग्रेस नेतृत्व के अधिकांश वरिष्ठ नेता इन चुनावों में व्यस्त हैं। हरियाणा कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री कुमारी सैलजा को पार्टी ने छत्तीसगढ़ तथा रणदीप सिंह सुरजेवाला को मध्यप्रदेश का प्रभारी बनाया हुआ है। वहीं, किरण चौधरी को राजस्थान में कार्डिनेटर लगाया हुआ है।
सूत्रों त्का कहना है कि एसआरके ग्रुप यानी सैलजा, सुरजेवाला व किरण की तिकड़ी संगठन गठन में फिलहाल कोई रुचि भी नहीं ले रहा है। एसआरके ग्रुप प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की कार्यशैली पर सवाल उठा चुका है। बताते हैं कि बाबरिया की ओर से प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ वन-टू-वन संवाद करने की कोशिश की थी ताकि जिलाध्यक्षों को लेकर सभी नेताओं की पसंद-नापंसद को जाना जा सके। इन तीनों ही नेताओं द्वारा इसमें कोई रुचि नहीं लेने की वजह से वन-टू-वन मीटिंग का कार्यक्रम भी अधर में रह गया। ऐसे में बाबरिया ने सभी जिलों से कार्डिनेटरों द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के जरिये बनाई गई फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर ही जिलाध्यक्षों के नामों के पैनल पार्टी अध्यक्ष को सौंप दिए। वे इस संदर्भ में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल से भी मिल चुके हैं। वेणुगोपाल भी पांच राज्यों के चुनावों में व्यस्त हैं।