~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌤️ दिनांक – 17 दिसम्बर 2022
🌤️ दिन – शनिवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – हेमंत ॠतु
🌤️ मास – पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार मार्गशीर्ष)
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – नवमी 18 दिसम्बर रात्रि 03:41 तक तत्पश्चात दशमी
🌤️ नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी सुबह 09:18 तक तत्पश्चात हस्त
🌤️ योग – आयुष्मान सुबह 07:35 तक तत्पश्चात सौभाग्य
🌤️ राहुकाल – सुबह09:52 से सुबह 11:13 तक
🌞 सूर्योदय – 07:10
🌦️ सूर्यास्त – 17:59
👉 दिशाशूल – पूर्व दिशा में
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
🔥 विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
💥 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
🌞~वैदिक पंचांग ~🌞
🌷 मन की शान्ति 🌷
🌿 मोर पंख आसन के नीचे रखने से मन में शान्ति मिलती है, ध्यान भजन में मन लगता है ।
🙏🏻 पूज्य बापूजी -13th Nov’08 Vadodara
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌷 बच्चों का रोना 🌷
🍼 रात को बच्चे उठकर रोते हैं तो दूध आदि पिलाकर/पिलाते हुए सिर पर हाथ घुमाते हुए गुरु मंत्र जप करें, तुलसी की माला पहनाये।