अहमदाबाद(मानिक देशमुख)- हाल ही में आशाराम(जी) के अहमदाबाद के करीब के मोटेरा स्थित आश्रम के अलावा अन्य दो आश्रम की भी ज़मीन खाली कराने का आदेश दिया गया है।महत्वपूर्ण है कि सरकार ने इन तीनों आश्रमों को पहले लीज पर ज़मीन दी थी।सरकारी अधिकारियों के अनुसार आश्रमों ने ‘शर्तभंग’ किया है, इसलिए ज़मीन लौटाने का आदेश हुआ है।हालांकि, आशाराम(जी) आश्रम में प्रशासनिक कार्य संभालने वाले व्यक्ति के अनुसार, सरकार आगामी वर्षों में ‘ओलंपिक आयोजन’ के लिए ज़मीन वापस ले रही है। उनके अनुसार आश्रमों ने कोई शर्तभंग नहीं किया है।
प्रांत अधिकारी के इस आदेश के खिलाफ आश्रम ने “एप्पलेट अथॉरिटी” के सामने अपील की है।महत्वपूर्ण है कि 2036 ओलंपिक का आयोजन यहाँ करने के लिए गुजरात सरकार ने मास्टरप्लान बनाने की शुरुआत की है।
जिसके तहत अहमदाबाद स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम के आसपास मोटेरा क्षेत्र में सरदार पटेल स्पोर्ट्स एंक्लेव बनाने का आयोजन है।आयोजन के अनुसार मोटेरा में 335 एकड़ ज़मीन में विभिन्न स्पोर्ट्स फैसिलिटी बनाने का प्लान है। इसके अलावा अहमदाबाद और गांधीनगर में 650 एकड़ ज़मीन में स्पोर्ट्स फैसिलिटी बनायी जाएगी।महत्वपूर्ण है कि मोटेरा में स्थित ‘संत श्री आशाराम(जी) आश्रम ‘, ‘भारतीय सेवासमाज’ और ‘सदाशिव प्रज्ञा मंडल’ इन तीन आश्रमों को ‘शर्तभंग’ के चलते जगह खाली करने के लिए 4 अप्रैल 2025 को गुजरात सरकार ने आदेश दिया है।
सरकार ने पहले इन आश्रमों को खाली करने की नोटिस दी थी। बाद में आश्रमों का पक्ष सुनने के बाद ज़मीन खाली कराने का आदेश दिया गया है।महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2036 में भारत ओलंपिक की मेज़बानी करने की इच्छा व्यक्त की है।उन्होंने कहा था कि ‘यह 1.4 अरब भारतीयों का सपना है और आने वाले वर्षों में भारत खेल के क्षेत्र में सुपरपावर वाले देशों में से एक देश के रूप में उभरेगा।’अब आने वाले समय में अहमदाबाद को ओलंपिक के लिए तैयार करने के दावे और आशाराम(जी) के आश्रमों की ज़मीन खाली कराने के आदेश एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं कि नहीं, इस संबंध में बीबीसी गुजराती ने जांच की है।आश्रम के खिलाफ कार्रवाई के बारे में सरकारी अधिकारी ने क्या कहा?अहमदाबाद पश्चिम क्षेत्र के प्रांत अधिकारी हितेश झणकाट ने बीबीसी गुजराती के साथ बात करते हुए कहा कि “आशाराम(जी) आश्रम , भारतीय सेवा समाज और सदाशिव प्रज्ञा मंडल जिन्हें उस समय सरकार द्वारा विभिन्न आदेशों से शर्तीय ज़मीन दी गई थी। इन आश्रमों ने शर्तभंग किया है, यह सरकार के ध्यान में आने पर उन्हें शर्तभंग की नोटिस दी गई थी।”उन्होंने आगे कहा कि संस्थाओं को उनका पक्ष प्रस्तुत करने का पूरा मौका देने के बाद यह आदेश दिया गया है।
“तीनों संस्थाओं को सुनने के बाद ज़मीन लौटाने और ज़मीन को श्री सरकार को हस्तगत करने का 4 अप्रैल 2025 को आदेश दिया गया है।”
ज़मीन के बारे में अधिक जानकारी देते हुए हितेश झणकाट ने कहा, “संत श्री आशाराम(जी) आश्रम की मोटेरा में 33,980 चौरस मीटर, भारतीय सेवा समाज से 80,940 चौरस मीटर और सदाशिव प्रज्ञा मंडल से 12,207 चौरस मीटर ज़मीन श्री सरकार को सौंपने का आदेश दिया गया है।”इन संस्थाओं को मुआवज़ा या अन्य स्थान पर ज़गह आवंटित करने के सवाल के जवाब में प्रांत अधिकारी ने कहा कि, “इस समय शर्तभंग की कार्रवाई की जा रही है। जिसमें मुआवज़े की कोई बात नहीं है।”
आशाराम(जी) आश्रम ने सरकारी कार्रवाई के बारे में क्या कहा?
आशाराम(जी) आश्रम की प्रशासनिक कार्यवाही संभालने वाले विकास खेमका ने सरकारी कार्रवाई के बारे में बीबीसी गुजराती के साथ बात करते हुए कहा कि ‘आश्रम ने कोई शर्तभंग नहीं की’।उन्होंने कहा, “संत श्रिया आशाराम(जी) आश्रम ने सरकार की कोई भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है। हम सरकार की शर्तों का पालन करते हैं। सरकार की जिस उद्देश्य से ज़मीन आवंटित की गई है, उसी उद्देश्य के लिए इसका उपयोग किया जाता है। आश्रम द्वारा कोई अतिक्रमण भी नहीं डाला गया है। सरकार ने जो ज़मीन आवंटित की थी, उतनी ही ज़मीन का आश्रम उपयोग करता है।” विकास खेमका ने सरकार द्वारा ओलंपिक के आयोजन के उद्देश्य से शर्तभंग की बात की बात करते हुए कहा कि “सरकार को आश्रम की तथा आसपास की जमीन का ओलंपिक के लिए उपयोग करना है। इस लिए सरकार येनकेन प्रकार से जमीन लेने की मांग कर रही है। सरकार शर्तभंग की आड़ में आश्रमों की जमीन ले रही है।”
“मात्र हमारे ही आश्रम की नहीं, बल्कि अन्य आश्रमों की जमीन भी सरकार ओलंपिक के लिए ही ले रही है। हम खेलों के विरोधी नहीं हैं। हम भी चाहते हैं कि ओलंपिक का आयोजन हो और देश का नाम रोशन हो। लेकिन किसी का घर उजाड़कर नहीं। सरकार इस बारे में विचार करें कि जहां खाली जगह हो ऐसी जगहों पर आयोजन करें।”
विकास खेमका ने बताया कि, “आश्रम ने कोई शर्तभंग नहीं की है, इसलिए आश्रम ने इस बारे में “एपलेट अथॉरिटी” में अपील की है। हम न्यायिक कार्रवाई कर रहे हैं। हमें भरोसा है कि हमें न्याय मिलेगा।”आश्रमों की जगह का उपयोग आगामी समय में ओलंपिक के आयोजन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए होने वाला है या नहीं इस सवाल के जवाब में हितेश झणकाते ने बात करने से इनकार किया था।भारतीय सेवा समाज और सदाशिव प्रज्ञा मंडल आश्रम का पक्ष जानने के लिए बीबीसी गुजराती ने प्रयास किया था। लेकिन उनका संपर्क नहीं हो सका।
2036 ओलंपिक के लिए क्या तैयारियाँ चल रही हैं?अहमदाबाद शहर के मोटेरा में स्थित नरेन्द्र मोदी स्टेडियम के चारों ओर सरदार पटेल स्पोर्ट्स एंक्लेव खड़ा किया जा रहा है, जिसके लिए जमीन पसंद की गई है। जिसमें अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा अंतरराष्ट्रीय संस्था के पास मास्टर प्लान बनाने तथा ओलंपिक के आयोजन की प्रपोजल बिड तैयार करने का काम चल रहा है।
अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ डी. पी. देसाई ने बीबीसी गुजराती के साथ बात करते हुए कहा कि “ओलंपिक 2036 के आयोजन के लिए हम काम कर रहे हैं। ओलंपिक के लिए प्रपोजल बिड बनाने के मामले में अंतरराष्ट्रीय एजेंसी को कंसल्टेंट के रूप में नियुक्त किया गया है। एजेंसी द्वारा बिड बुक बनाने के लिए आवश्यक जानकारी एकत्र की जा रही है। जिसके लिए पहले आयोजित ओलंपिक के लिए देशों द्वारा प्रस्तुत की गई बिड के बारे में भी अध्ययन किया जा रहा है। इस बारे में समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के साथ भी वार्तालाप किया जाता है।”डी. पी. देसाई ने बताया कि, “ओलंपिक के आयोजन के लिए मास्टर प्लान बनाने के लिए भी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी को काम दिया गया है। ओलंपिक के लिए किस-किस इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत पड़ेगी? इन्फ्रास्ट्रक्चर कहाँ स्थापित किया जा सकता है इस पर योजना बनाई जा रही है। वर्तमान चरण में हम सोच रहे हैं कि ओलंपिक की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में की जाएगी।””नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में भी अलग-अलग ग्राउंड बनाए जाएंगे। नरेन्द्र मोदी स्टेडियम के चारों ओर 335 एकड़ जमीन में सरदार पटेल स्पोर्ट्स एंक्लेव बनाने का कार्यक्रम है। स्टेडियम के आसपास की जमीन अधिग्रहित की जाएगी।”
“अहमदाबाद और गांधीनगर में कुल 650 एकड़ जमीन में स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जाएगा। जिसमें खेलों के ग्राउंड होंगे। तथा ट्रेनिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के ग्राउंड भी स्थापित किए जाएंगे। गांधीनगर में महात्मा मंदिर पर कंवेंशन सेंटर खड़ा करने का कार्यक्रम है।”इसके अलावा उन्होंने कहा कि कराई में स्थित पुलिस अकादमी में मल्टीपर्पज ट्रेनिंग अकादमी बनाने का कार्यक्रम है।आगे डी. पी. देसाई ने बताया कि “ओलंपिक में कुछ खेलों को जोड़ा जाएगा और कुछ खेलों को हटाया जाएगा। कराई पुलिस अकादमी में शूटिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का ट्रेनिंग सेंटर खुलने जा रहा है। ओलंपिक में शूटिंग इंडोर खेल का कराई में आयोजन किया जाएगा। ओलंपिक के बाद भी वहाँ शूटिंग रेंज पुलिस ट्रेनिंग के लिए उपयोग में लाई जा सकेगी।”उन्होंने आगे बताया कि “ओलंपिक बिड में 40 से अधिक गारंटी देने की आवश्यकता होती है। जैसे कि शहर स्तर पर गारंटी देने की आवश्यकता होती है कि ओलंपिक आयोजन के दौरान जो ठोस और तरल अपशिष्ट उत्पन्न होगा उसका निपटान किया जाएगा। इसी प्रकार कुछ गारंटियाँ राज्य सरकार द्वारा और कुछ गारंटियाँ केंद्र सरकार द्वारा दी जानी होती हैं। इसपर कार्य चल रहा है।”महत्वपूर्ण है कि गुजरात सरकार ने गुजरात ओलंपिक प्लानिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड नाम की एक कंपनी भी बनाई है।