गुरुग्राम,14 जुलाई (प्रेस की ताकत ब्यूरो)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रौद्योगिकी को आर्थिक तरक्की के लिए जरूरी बताते हुए इसके खतरनाक इस्तेमाल के प्रति चेताया है। बृहस्पतिवार को ‘कृत्रिम मेधा, मेटावर्स और एनएफटी के युग में अपराध तथा साइबर सुरक्षा’ पर जी-20 सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा वित्तीय लेनदेन के लिए नए तरीके तथा नयी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे सुरक्षा तंत्र तथा डिजिटल ढांचे के लिए खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने वैश्विक समुदाय को ‘डायनामाइट से मेटावर्स’ तथा ‘हवाला से लेकर क्रिप्टोकरंसी’ तक सुरक्षा चुनौतियां बढ़ने के प्रति आगाह किया। शाह ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ असामाजिक तत्व और वैश्विक ताकतें नागरिकों तथा सरकारों को आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जी-20 ने अब तक आर्थिक दृष्टिकोण के लिए डिजिटल बदलाव, डेटा प्रवाह पर ध्यान केंद्रित किया लेकिन अब अपराध तथा सुरक्षा पहलुओं को समझना तथा समाधान तलाशना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘मनुष्यों, समुदायों और देशों को करीब लाने में प्रौद्योगिकी का अहम योगदान है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व और वैश्विक ताकतें भी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नागरिकों और सरकारों को आर्थिक तथा सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहे हैं।’ उन्होंने सीमा पार से सक्रिय साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई सुझाव दिए जिनमें सभी देशों के कानूनों में एकरूपता लाना, देशों के विभिन्न कानूनों के तहत एक प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करना, सभी देशों की साइबर एजेंसियों के बीच अधिक समन्वय स्थापित करना आदि शामिल है।
मंडरा रहा है खतरा
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘कई देशों में साइबर हमले हो चुके हैं और ये खतरे दुनिया के सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों पर मंडरा रहे हैं। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार साइबर हमलों से दुनिया भर को 2019-2023 के बीच 5200 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचा होगा। कि्रप्टो करंसी का इस्तेमाल, इसे रोकने और पहचान करने की प्रक्रिया को और जटिल बनाता है।’ उन्होंने कंप्यूटर इंमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम्स को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साइबर अपराधियों से निपटने के लिए देश के कदमों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि भारत ने सामान्य पहुंच वाले ‘डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर मॉडल’ स्थापित किए हैं जो आज दुनिया में उदाहरण बन गए हैं। शाह ने कहा कि भारत ने साइबर सुरक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। ये ऑनलाइन पाठ्यक्रम मंच ‘सीवाई ट्रेन’ पोर्टल के जरिए चलाया जा रहा है।