कहा, चालू वित्तीय वर्ष में 20 हज़ार हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल को साफ किए गए पानी को सिंचाई सुविधा के साथ जोड़ने का लक्ष्य
प्रोजैक्ट से 1100 किसान परिवारों की 2500 एकड से अधिक कृषि योग्य ज़मीनों को मिलेगा लाभ
वैकल्पिक सिंचाई जल स्रोतों को विकसित करने और नहरी पानी के अधिक से अधिक प्रयोग करने पर ज़ोर दिया
चंडीगढ़/मोगा, 14 दिसंबर:
पंजाब के भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा भूजल को और अधिक नीचे जाने से रोकने और किसानों की कृषि लागतों को घटाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक 20 हज़ार हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल को सीवरेज के साफ किए गए पानी को सिंचाई सुविधा के साथ जोड़ने का लक्ष्य है। उन्होंने यह ऐलान आज मोगा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साफ किए हुए पानी को भूमिगत पाईपों के द्वारा खेती की ज़रूरतों के लिए बरतने के सिंचाई प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखने के उपरांत किया।
भूमि और जल संरक्षण विभाग की स्थापना की 54वीं वर्षगाँठ के अवसर पर पंजाब के सबसे बड़े ट्रीटेड वॉटर सिंचाई प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखने के बाद किसानों की भारी एकत्रता को संबोधित करते हुए स. जौड़ामाजरा ने राज्य के भूजल के गिरते स्तर को रोकने के लिए ऐसे वैकल्पिक सिंचाई के जल स्रोतों को विकसित करने और नहरी पानी का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि राज्य में इस समय सिंचाई के लिए 320 एम.एल.डी. ट्रीटेड (साफ किए हुए) पानी का प्रयोग हो रहा है, जिसको चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक दोगुना कर 600 एम.एल.डी कर दिया जाएगा जिससे 20,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल को सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
उन्होंने बताया कि यह प्रोजैक्ट अब तक का राज्य का सबसे बड़ा ट्रीटेड वॉटर सिंचाई प्रोजैक्ट है, जो 12.87 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा और जिससे 1100 किसान परिवारों की 1020 हेक्टेयर (2500 एकड) से अधिक कृषि योग्य ज़मीनों को लाभ मिलेगा। उन्होंने इस बात पर ख़ास ज़ोर दिया कि पानी की कमी और मरुस्थलीकरण के रुझान, जिसकी अगले 20-25 सालों के दौरान संभावना है, को रोकने के लिए हमें तुरंत कम पानी वाली फसलों और स्मार्ट सिंचाई तकनीकें अपनाने की ज़रूरत है ताकि हम और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ पानी के संकट से बच सकें।
स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि आज सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, मोगा से 27 एम.एल.डी. (मिलियन लीटर प्रति दिन) ट्रीटेड पानी का प्रयोग करने के उद्देश्य से सिंचाई प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखा है, जो पास के चार गाँवों की कृषि अधीन ज़मीनों को सिंचाई सुविधा मुहैया करवाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के 150 ब्लॉकों में से 117 ब्लॉक पहले ही अति शोषित श्रेणी के अधीन आते हैं, जिसका मतलब राज्य के 80 प्रतिशत क्षेत्र में भूजल की स्थिति चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट किए गए पानी के प्रयोग से न केवल सरकार की पानी बचाने की मुहिम को बल मिलेगा, बल्कि ट्रीट किए गए पानी में पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी से खाद का कम प्रयोग होगा, जिससे किसानों की आमदन में वृद्धि होगी। उन्होंने किसानों को भी अपील की कि वह जल संसाधन, भूमि और जल संरक्षण विभाग द्वारा पिछले समय के दौरान निकाले गए खालों से अवैध कब्ज़े स्वयं ही छोड़ दें क्योंकि इन खालों के द्वारा उनके ही खेतों को पानी मिलेगा, जिससे उनको बहुत लाभ होगा।
मोगा हलके की विधायक डॉ. अमनदीप कौर अरोड़ा ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह ट्रीट किया हुआ पानी, जो अब तक बेकार नालों में व्यर्थ हो रहा था, इस प्रोजैक्ट के लगने से सिंचाई के लिए प्रयोग में लाया जा सकेगा, जिससे न केवल भूजल का दोहन घटेगा, बल्कि उस क्षेत्रफल में ट्यूबवैलों के कम प्रयोग के कारण बिजली उपभोग में कटौती होगी। उन्होंने इस प्रोजैक्ट की योजनाबंदी में सहयोग देने वाले गाँव अजीतगढ़, बुक्कणवाला, सिन्घांवाला और घल्ल कलाँ के किसान भाईचारे का धन्यवाद किया और विभाग को इस प्रोजैक्ट को समयबद्ध ढंग से मुकम्मल करने को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा। समागम को हलका धर्मकोट के विधायक स. दविन्दरजीत सिंह लाडी ढोस ने भी संबोधन किया। उन्होंने ऐसा प्रोजैक्ट हलका धर्मकोट को भी मंज़ूर करने पर पंजाब सरकार और स. जौड़ामाजरा का धन्यवाद किया।
स. महिंदर सिंह सैनी, मुख्य भूमि पाल, पंजाब ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा अब तक 10,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि योग्य ज़मीन को लाभ पहुँचाने वाले 58 ऐसे ट्रीटेड वॉटर सिंचाई प्रोजैक्ट शुरू किए गए हैं। यह प्रोजैक्ट नाबार्ड ग्रामीण विकास फंड के अधीन बनाया गया है, जिसके अंतर्गत कि 24, 20, 14 और 8 इंच की व्यास की लगभग 25 किलोमीटर भूमिगत पाईपें बिछाई जाएंगी, जिससे 1100 किसान परिवारों की 1020 हेक्टेयर कृषि योग्य ज़मीन को फ़ायदा होगा। उन्होंने सरकार द्वारा कुशल सिंचाई तकनीकें अपनाने वाले किसानों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी। इस मौके पर अजीतगढ़, बुक्कणवाला, सिन्घांवाला और घल्ल कलाँ गाँव के किसान भाईचारा उपस्थित था, जिन्होंने इस प्रोजैक्ट को इलाके में लाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की।
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