श्री पवन कुमार शर्मा द्वारा श्री काली माता मन्दिर में 43 साल पहले शुरु किया गया कड़ी चावल का लंगर आज भी जारी: शशि भारद्वाज शंकरानंद गिरि
पटियाला 3 जुलाई (प्रेस की ताकत) :- आंतकवाद से लोहा लेने वाले हिन्दू सुरक्षा समिति तथा शिव शक्ति सेवा दल लंगर चैरीटेबल ट्रस्ट के संस्थापक शेर ए हिंद श्री पवन कुमार शर्मा के जन्म दिवस विभिन्न जगहों पर लंगर लगाए गए, श्री बीर जी शमशान घाट में पवन कुमार शर्मा जी की समाधि पर उनके श्रद्धालुओं फूल हार चढ़ा कर उन्हें नमन किया।
जगदगुरु पंचानंद गिरि जी महाराज के बड़े भाई शशि भारद्वाज शंकरानंद गिरि ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जब 1980 के माहौल में लोग आंतकियों से डर कर छुप जाते थे तब श्री पवन कुमार शर्मा ने हिन्दूओं को जागिृत किया, इक्टठा किया। जिस कारण उनको कई बार पुलिस ने बोरी में बंद कर मारा पीटा, एन एस ए लगी। कई बार जेल जाना पड़ा, आज भी उनके कई साथी कुलदीप सागर, तरसेम शर्मा सैमी जिंदा हैं जिन पर नेश्नल सिक्योरिटी एक्ट लगाया गया क्योंकि वे सरेआम आंतकवादियों के विरुद्ध बोलते थे
शशि भारद्वाज शंकरानंद गिरि ने कहा कि ऐसे ही सच्चे, धर्म के प्रति निष्ठावान लोगों की वजह से हम अमन शान्ति की जिंदगी जी रहे हैं और इन्हें हम जन्म दिवस ही क्यों याद करें, रोज याद करना चाहिए।
शंकरानंद गिरि ने कहा कि श्री पवन कुमार शर्मा द्वारा श्री काली माता मन्दिर में 43 साल पहले शुरु किया गया कड़ी चावल का लंगर आज भी निंरतर जारी है तथा जारी रहेगा, यह लंगर आज विशालकाय रुप ले चुका है। एक समय से प्रारंभ हुआ यह लंगर बाद में पंचानंद गिरी जी के संरक्षण में चला जो अब तीनों समय मां काली के दरबार में आए भक्तों को मिल रहा है।
हिन्दू सुरक्षा परिषद के राष्ट्रीय प्रधान हितेश भारद्वाज ने कहा कि श्री पवन कुमार शर्मा ने वर्षों तक हिन्दूत्व के लिए समर्पित होकर आतंकियों के विरुद्ध अपनी लड़ाई लड़ते रहे। आंतकवाद के दौरान हजारों हिन्दूओं को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी पंरतु विभिन्न पार्टियों की सरकारें आई और गईं पर आज तक हिन्दूओं को इंसाफ नहीं मिल पाया।
इस अवसर पर शशि भारद्वाज शंकरानंद गिरि, शिव शक्ति सेवा दल लंगर चैरीटेबल ट्रस्ट के चैयरमैन स्वतंत्र राज पासी, प्रधान आशुतोष गौतम, ट्रस्टी सुधीर बैक्टर, प्रितपाल सिंह, राजेश शर्मा टप्पू, अशोक शर्मा के अतिरिक्त विनती गिरी थानापति जूना अखाड़ा, श्री महंत विजय शर्मा, सुभाष बरमन, कुलदीप सागर, तरसेम शर्मा सैमी, भगवान दास मेहता, गोना बांसल, संजीव बबला इत्यादि उपस्थित थे।