चंडीगढ़, 19 नवंबर- हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा ने हरियाणा विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन को अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार किसी भी अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाओं में कटौती नहीं करेगी। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि 24 हजार से अधिक पदों का परिणाम निकलते ही उन्हें नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे और मुख्यमंत्री ने कर दिखाया।
श्री महिपाल ढांडा आज सदन में हरियाणा विस्तार प्राध्यापक तथा अतिथि प्राध्यापक (सेवा की सुनिश्चितता), विधेयक, 2024 विचार के रखे जाने उपरांत चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा बिलों पर उठाई गई आपत्तियों के उत्तर दे रहे थे।शिक्षा मंत्री ने कहा कि इससे पहले भी सरकार ने अतिथि अध्यापकों की सेवाएं सुनिश्चित की थी, जबकि कांग्रेस राज में अतिथि अध्यापकों को बिना सेवा सुरक्षा के ही सेवा में रख लिया था। हमारी सरकार ने अतिथि अध्यापकों की सेवाएं सुरक्षित की हैं।
उन्होंने सदन को इस बात की जानकारी भी दी कि वर्तमान में प्रदेश में 184 राजकीय महाविद्यालय हैं, जिनमें लगभग 2 लाख छात्र स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन महाविद्यालयों में विभिन्न विषयों में सहायक प्रोफेसर के 8137 पद स्वीकृत हैं, जिनके विरुद्ध 3348 नियमित सहायक एसोसिएट/ प्रोफेसर कार्यरत हैं। राज्य में स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की एक प्रगतिशील नीति है जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि नियमित सहायक प्रोफेसर (कालेज कैडर), एच0-ई0-एस0-॥ समूह-बी के 2424 शिक्षण पदों को भरने के लिए एक मांग पत्र हरियाणा लोक सेवा आयोग को भेजा जा चुका है। वर्तमान में विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में लगभग 2016 एक्सटेंशन लेक्चरर व 46 गेस्ट लेक्चरर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एक्सटेंशन लेक्चरर की नियुक्ति वर्ष 2010 में कांग्रेस सरकार के समय में हुई थी और उस समय उन्हें 200 रुपये प्रति पीरियड के आधार पर भुगतान किया जाता था और वर्ष 2014 से पूर्व से कार्य कर रहे अतिथि प्राध्यापक जो कि नियमितीकरण नीति 16 जून, 2014 के तहत नियमित नहीं हुए थे, इन वर्षों में उनके पारिश्रमिक और अन्य संलग्नता शर्तों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए। योग्य एक्सटेंशन लेक्चरर और अतिथि व्याख्याताओं को समान काम समान वेतन के आधार पर 57,700 प्रति माह पारिश्रमिक दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षण कार्यभार में साल दर साल लगातार वृद्धि देखी गई है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी, 2020) के कार्यान्वयन के मद्देनजर यह प्रवृति जारी रहेगी। इसलिए इन एक्सटेंशन लेक्चरर तथा अतिथि व्याख्याताओं को 58 वर्ष की आयु तक की सुरक्षा के साथ-साथ सुनिश्चित वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाए, क्योंकि यह छात्रों के हित में है और कुछ एक्सटेंशन लेक्चरर और अतिथि व्याख्याताओं ने भर्ती के लिए आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु सीमा पार कर ली है।