छिंदवाड़ा (सुशील परिहार)- राष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार प्राप्त शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़े सामाजिक संगठन एकल अभियान द्वारा समस्त देश में अभ्युदय यूथ क्लब द्वारा खेलकूद समारोहों का आयोजन किया जा रहा है इसी क्रम में गत 6 नवम्बर को छिंदवाड़ा अंचल में खेलकूद समारोह संपन्न हुआ।
ज्ञातव्य होवे की छिंदवाड़ा अंचल के वनवासी क्षेत्रों में 254 एकल विद्यालय संचालित है जो पंचमुखी शिक्षा एवं पंचमुखी योजनाओं के माध्यम से समग्र ग्रामविकास की संकल्पना पर कार्य करते है ।
इस खेलकूद समारोह में दौड़,कबड्डी,ऊंची कूद,लंबी कूद योगा,कुस्ती आदि खेलों को समाहित किया गया जिसमे संपूर्ण अंचल से लगभग 500 वनवासी बालक बालिकाओं ने खिलाड़ी के रूप प्रतिभाग किया ।इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान बालक कबड्डी में परासिया की टीम एवं बालिका वर्ग में चौरई की टीम प्रथम रही।
। 100 मीटर दौड़ में बालक वर्ग में सुभाष भलावी प्रथम एवं बालिका में हेमंत कुमारी काकोडिया प्रथम रही ,200 मीटर बालक में दीपांशु एवं बालिका में शीतल सिरसाम प्रथम रही, 400 मीटर बालक में अभिषेक यादव एवं बालिका शीतल सिरसाम प्रथम रही ,योग में गिरधारी पवार प्रथम लंबी कूद बालक में कुणाल कुडोपे प्रथम बालिका वर्ग मयूरी प्रथम ,ऊंची कूद बालक गजानन यदुवंशी प्रथम बालिका वर्ग में शीतल सिरसाम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया ।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष शेषराव यादव ,नगर निगम महापौर विक्रम अहके विशेष अतिथि संचालक विद्याभूमि पब्लिक स्कूल डा विजया यादव, युवा उद्यमी गौरव चौधरी , युवा व्यवसायी नीरज भारद्वाज जी ,संत आशाराम गुरुकुल की संचालिका श्रीमती दर्शना खट्टर की उपस्थिति रही एवं समापन समारोह में जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष भरत घई ,योग वेदांत समिति अध्यक्ष मनमोहन परसाई ,लायंस आई हॉशपिटल संचालक पूरन राजलानी,वरिष्ठ पत्रकार गोविंद चौरिसिया ,समाजसेवी जगेंद्र अल्डक,एकल अभियान राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख संजय मालवीय ,प्रभाग प्रमुख नरेंद्र सिंह चंदेल,एकल के पूर्व कार्यकर्ता कुबेर सिंह सूर्यवंशी ,अंचल अध्यक्ष पुरषोत्तम साहू ,उपाध्यक्ष अमृता पांडे ,सचिव प्रशांत नंदनवार ,खेलकूद अध्यक्ष रवींद्र बाडेकर,पूर्व संरक्षक ललदास जी सहित अंचल अभियान प्रमुख राजकुमार बट्टी तथा खेल प्रमुख मनोज सोनी व पूर्वकालीन कार्यकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
कार्यक्रम में मार्च पास्ट सांई पब्लिक स्कूल लिंगा के बालकों द्वारा किया गया तथा संत आशाराम गुरुकुल द्वारा संपूर्ण व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया, कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के द्वारा किया गया ।