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दिल्ली-यूपी में कम होगी बाढ़ की आशंका, हर साल बचेंगे करोड़ों रुपये
हिमाचल प्रदेश की सीमा पर हरियाणा सरकार सात हजार करोड़ रुपये की लागत वाला डैम बनवाएगी। इसके लिए 5400 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गयी है। यहां हरियाणा के चार एवं हिमाचल के पांच गांव हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने डैम के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। डैम निर्माण में केंद्र सरकार का भी सहयोग रहेगा। अभी पांच राज्यों- हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान को एमओयू साइन करना है। इसके अलावा हरियाणा और हिमाचल ने कई अन्य कदम भी उठाने हैं। इनमें प्रभावित गांवों के लोगों को अन्य स्थानों पर बसाया जाना शामिल है।
दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को 2 वर्ष पूर्व हथिनी कुंड बैराज से लगभग 5 किलोमीटर पहले हरियाणा-हिमाचल सीमा पर डैम बनाने की संभावना का पता लगाने के निर्देश दिए थे। फिर हरियाणा सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी। मुख्यमंत्री रिपोर्ट से सहमत हुए और उन्होंने काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस डैम के निर्माण पर हालांकि डेढ़ वर्ष पहले 6134 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था, लेकिन वर्तमान में यह अनुमान करीब 7000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। डैम के बनने के बाद हथिनी कुंड बैराज से क्रॉस होने वाला पानी रोका जा सकेगा। बता दें कि इसी पानी को लेकर राजनीति भी होती है। आरोप लगता है कि हरियाणा ने ज्यादा पानी छोड़ दिया, जबकि हरियाणा कहता है कि हथिनी कुंड बैराज है, डैम नहीं, जहां पानी रोका जा सके। अगर डैम बनता है तो ऐसी बयानबाजी से भी छुटकारा मिलेगा। यही नहीं, डैम बनने से वर्ष के 9 महीनों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान की मांग के अनुसार उसकी पूर्ति हो सकेगी। बाढ़ रोकथाम कार्यों पर यमुना के किनारों को पक्का करने जैसे कामों पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च होते हैं, अगर यमुना में पानी मांग के अनुसार छोड़ा जाएगा तो बाढ़ रोकथाम के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च नहीं होंगे। सरकार का करोड़ों का मुआवजा भी बचेगा।
एनओसी और एमओयू का इंतजार
हरियाणा सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आरएस मित्तल ने बताया कि मुख्यमंत्री एवं सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के बाद काम में तेजी लाई जा रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा ने हिमाचल सरकार को एनओसी के लिए लिखा हुआ है। अभी तक हिमाचल ने एनओसी नहीं दी है। एनओसी के बाद एमओयू साइन होगा फिर प्रक्रिया में और तेजी लाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि डैम बनने से सिंचाई विभाग को भी भारी लाभ होगा क्योंकि हर साल करोड़ों रुपए बाढ़ रोकथाम कार्यों पर खर्च करने पड़ते हैं।