निलंबन आदेशो की प्रतियां आज सांय तक गृह विभाग के मुख्यालय में भिजवाना करें सुनिश्चित- अनिल विज
निलंबन आदेशों के कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई सहन नहीं की जाएगी – विज
चण्डीगढ, 26 अक्तूबर (प्रेस की ताकत ब्यूरो)- हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने आज राज्य के पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सभी पुलिस रेंज के महानिरीक्षक, पुलिस आयुक्तों सहित पुलिस अधीक्षकों के साथ वायरलेस के माध्यम से बात करते हुए निर्देश दिए कि एक साल से लंबित मामलों के निपटान में सुस्ती बरत रहे 372 जांच अधिकारियों (आईओ) को तुरंत प्रभाव से निलंबित करें और निलंबन आदेशों की प्रतियां आज सायं तक गृह विभाग कार्यालय व पुलिस मुख्यालय में भिजवाना भी सुनिश्चित करें। श्री विज ने कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई सहन नहीं की जाएगी।
गृह मंत्री आज वायरलेस (वॉकी-टॉकी) के माध्यम से पुलिस महानिदेशक, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर, सभी पुलिस रेंज पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस आयुक्त और संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ बात कर रहे थे।
‘‘अम्बाला में रात को दो-दो बजे तक जनता दरबार लगाकर पीड़ित लोगों की शिकायतों को सुनता हूं’’, जिनमें अधिकतर शिकायतें पुलिस विभाग से सम्बन्धित होती हैं’’ – विज
श्री विज ने कहा कि ‘‘पुलिस महानिदेशक, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर, रेंज एडीजीपी, रेंज आईजी, डीआईजी व एसपी सभी मिलकर हरियाणा पुलिस को देश की बेहतरीन पुलिस बनाने का काम कर रहे हैं और वे भी हर गतिविधि पर नजर रखते हैं’’। गृह मंत्री ने कहा कि ‘‘372 जांच अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं और उन्होंने खुश होकर इस कार्य को नहीं किया है, दुखी होकर इस कार्य को किया है क्योंकि एक साल से वे लगातार सभी बैठकों में अधिकारियों को एक साल से लम्बित मामलों के निपटान करने बारे बार-बार कह चुके हैं व आदेश भी दे चुके हैं’’। उन्होंने बताया कि ‘‘वे इतना ही नहीं अम्बाला में रात को दो-दो बजे तक जनता दरबार लगाकर पीड़ित लोगों की शिकायतों को सुनते हैं, जिनमें से अधिकतर शिकायतें पुलिस विभाग से सम्बन्धित होती हैं’’।
‘‘372 जांच अधिकारियों को निलंबित करने की इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार देश में हुई’’ – विज
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि 372 जांच अधिकारियों को निलंबित करने की इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार देश में हुई है। उन्होंने सम्बन्धित पुलिस अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि इन 372 जांच अधिकारियों के अलावा जिन भी अन्य मामलों में एक साल से लम्बित किसी जांच अधिकारी की संलिप्ता है तो उस जांच अधिकारी को भी निलंबन सूची में डालें।
‘‘मकसद एक साल से लम्बित केसों को निपटान होना था ताकि पीड़ित को समय रहते न्याय मिल सके’’ – विज
उन्होंने यह भी कहा कि जांच अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश से पहले पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इन जांच अधिकारियों से पत्राचार करके स्पष्टीकरण भी मांगा गया था लेकिन सम्बन्धित 372 जांच अधिकारियों का जवाब संतोषजनक नहीं था इसलिए इन जांच अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि एक साल से ज्यादा लम्बित मामले, जोकि फाईनल स्टेज पर हैं, उनका निपटान किसी भी तरह से किया जा सकता था, चाहे वह कोर्ट के माध्यम से, यदि शिकायत झूठी है तो उसे रद्द करके या अन्य नियमानुसार किया जा सकता है, मकसद एक साल से लम्बित केसों को निपटान होना था ताकि पीड़ित को समय रहते न्याय मिल सके।
‘‘मेरी जनता के प्रति जवाबदेही है, मेरे पास गृह विभाग है और लोगों को न्याय मिले, यह मेरा दायित्व भी है’’ – विज
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि इस विषय बारे उन्होंने तत्कालीन पुलिस महानिदेशक पी.के. अग्रवाल को पत्र लिखा था और उसके बाद लम्बित केसों का आंकड़ा 3229 प्राप्त हुआ, वो बहुत बड़ा आंकड़ा है, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि यही भ्रष्टाचार का कारण है कि पीड़ित को न्याय नहीं मिल रहा और शिकायतें लम्बित पड़ी हैं। श्री विज ने अपने कर्तव्य निवर्हन को जताते हुए कहा कि ‘‘मेरी जनता के प्रति जवाबदेही है, मेरे पास गृह विभाग है और लोगों को न्याय मिले, यह मेरा दायित्व भी है’’। उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि एक समाचार पत्र के माध्यम से उन्हें यह जानकारी मिली है कि एक डीएसपी दहेज के एक मामले में पांच साल से उचित कार्रवाई नहीं कर रहा है और वह शिकायत लम्बित है, उसे भी निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि पीड़ित को इतने वर्षों बाद न्याय मिले, यह भी उचित नहीं है।
‘‘लम्बित मामलों में कार्रवाई नहीं हुई है, उन्हें सम्बन्धित जिलों के डीएसपी को सुपुर्द किया जाएगा’’- विज
श्री विज ने कहा कि जिन लम्बित मामलों में कार्रवाई नहीं हुई है, उन्हें सम्बन्धित जिलों के डीएसपी को सुपुर्द किया जाएगा और इन डीएसपी को भी यह सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे एक माह के अंदर-अंदर इन मामलों का निपटान करें अन्यथा उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। वायरलेस के माध्यम से गृह मंत्री ने पुलिस कमीश्नर/डीआईजी व पुलिस अधीक्षकों से 372 जांच अधिकारियों के खिलाफ अब तक जो कार्रवाई की गई है, उसकी भी जानकारी ली।