बनूड़, 15 दिसंबर,(प्रेस की ताकत ब्यूरो)-
दिल्ली के सिंघू बार्डर से ट्राले पर लाद कर लाई गई झोंपड़ी लोगों के लिए खींच का केंद्र बनी हुई है। राष्ट्रीय मार्ग से निकलने वाले लोगों ने इस झोंपड़ी के साथ सैलफ़ियें और फोटो खिंचवाने में बहुत रूचि दिखाई। काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए बनूड़ से ज़ीरकपुर की ओर जाते राष्ट्रीय मार्ग पर स्थित अजीज़पुर टॉल प्लाज़ा पर दिल्ली के सिंघू बार्डर से दोपहर समय पर एक ट्राले पर लाद कर झोंपड़ी लाई जा रही थी।
इस बारे जानकारी देते नौजवान जतिन्दर सिंह मोहाली, गुरप्रीत सिंह मटरां और गुरतेज सिंह मंडी खुर्द बठिंडा ने बताया कि काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए दिल्ली के सिंघू बार्डर पर 2 लाख रुपए की लागत के साथ आधुनिक सहूलतों के साथ लैस यह झोंपड़ी बनाई गई थी। नौजवानों ने बताया कि काले कानूनों को रद्द कर देने बाद में संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से किसानी संघर्ष को निरस्त करन के ऐलान उपरांत उन्होंने इस झोंपड़ी को इसी तरह ही ले कर जाने के बारे में सोचा।
नौजवानों ने बताया कि वह मंडी खुर्द बठिंडा डेरे 2 एकड़ ज़मीन में बूड़ा आश्रम बनाऐंगे, जिस में इस झोंपड़ी को दफ़्तर की तरह सजाया जायेगा। उन्होंने बताया कि यह झोंपड़ी जहाँ किसानी संघर्ष की याद दुहराएगी, वहाँ आने वाली पीढ़ीयें को किसानी संघर्ष की याद को तरो -ताज़ा रखेगी।
जैसे जस्सा सिंह रामगढिया की तरफ से दिल्ली पर जीत प्राप्त करने के बाद दिल्ली का तख़्त खींच कर लाया गया था, उसी ही तर्ज़ पर इस झोंपड़ी को लाया गया है। जब ट्राले पर रखी यह झोंपड़ी राष्ट्रीय मार्ग से जा रही थी तो लोग बहुत उत्सुकता के साथ इस को रोक कर इस के साथ सैलफ़ियें और फोटो खींच रहे थे।