10 DEC 2024 नई दिल्ली: जापान के प्रमुख मेगाबैंकों जैसे मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG), सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप (SMFG), और मिजुहो फाइनेंशियल ग्रुप के पास बड़े पैमाने पर नकदी जमा हो गई है। इन बैंकों ने रिकॉर्ड मुनाफे के बाद क्रॉस-शेयरहोल्डिंग्स बेचकर और अधिक धन जुटाया है और अब वे इस नकदी को भारत और अमेरिका जैसे देशों में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। अमेरिका जहां दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, वहीं भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। इन दोनों देशों में इन बैंकों की पहले से मौजूदगी रही है, लेकिन अब ये बैंकों अपने निवेश को और आक्रामक तरीके से बढ़ा रहे हैं।
भारत में उच्च विकास दर और उद्योगों में बढ़ती ऋण की मांग ने जापानी बैंकों के लिए इसे निवेश का आकर्षक गंतव्य बना दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ये बैंक स्थानीय कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदकर अपनी अतिरिक्त नकदी का सही इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में बड़े पैमाने पर निवेश से इन बैंकों को टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज पर अपने मूल्यांकन को बेहतर बनाने में मदद मिल रही है। पिक्टेट एसेट मैनेजमेंट जापान लिमिटेड की सीनियर फेलो नाना ओत्सुकी का कहना है कि इन बैंकों की निवेश रणनीति में विलय और अधिग्रहण (M&A) भी शामिल हैं, और बैंक विकास के अगले स्तर तक पहुंचने के लिए भारी निवेश कर रहे हैं।
भारत में बैंकों की निवेश रणनीति
भारत जापानी बैंकों के लिए निवेश का सबसे आकर्षक स्थान बन गया है। भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारण विभिन्न उद्योगों में पूंजी निवेश के लिए ऋण की मांग बढ़ रही है। इसके अतिरिक्त, बढ़ती उपभोक्ता मांग ने उधारी (क्रेडिट) के लिए नए अवसर पैदा किए हैं। MUFG ने भारत को अपनी एशियाई विकास रणनीति का अहम हिस्सा बनाया है, और बैंक का लक्ष्य भारत में अपने ऋण जोखिम को अगले कुछ वर्षों में $30 बिलियन (लगभग ₹2.5 लाख करोड़) तक पहुंचाने का है। MUFG ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी ग्रुप जैसे बड़े समूहों के साथ साझेदारी की है।
MUFG ने हाल ही में भारतीय शैडो बैंक DMI फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड में $333 मिलियन (₹2,700 करोड़) का निवेश किया है, जिससे कंपनी का मूल्यांकन $3 बिलियन तक पहुंच गया है। MUFG के वरिष्ठ अधिकारी यासुशी इतागाकी ने कहा, “अगर अच्छे अवसर मिलते हैं, तो हम बड़ी रकम खर्च कर सकते हैं।”
मिजुहो और नोमुरा भी सक्रिय
भारत में निवेश बैंकिंग के क्षेत्र में जापानी कंपनियां जैसे मिजुहो और नोमुरा होल्डिंग्स भी सक्रिय हैं। मिजुहो और नोमुरा होल्डिंग्स ने भारतीय निवेश बैंक अवेंदस कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड का नियंत्रण प्राप्त करने के लिए बोली लगाई है। अवेंदस में KKR & Co. अपनी 63% हिस्सेदारी $400 मिलियन (₹3,300 करोड़) में बेचने की योजना बना रहा है।
भारत के मध्यम वर्ग पर ध्यान
जापानी बैंक भारत के मध्यम वर्ग में बढ़ती ऋण मांग को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं। घर खरीदने, वाहन लेने और उपभोक्ता सामानों के लिए क्रेडिट की मांग तेजी से बढ़ रही है। SMFG ने 2021 में ₹15,000 करोड़ में फुलर्टन इंडिया क्रेडिट कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी थी और 2024 में ₹5,800 करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया है। यह यूनिट मुख्य रूप से आवास और वाहन ऋण में विशेषज्ञता रखती है।
SMFG के ग्लोबल बैंकिंग यूनिट के सह-प्रमुख योशिहिरो हयाकुतोमे ने कहा, “भारत की उच्च आर्थिक वृद्धि को कैप्चर करने के लिए हम आवश्यक संसाधन आवंटित करते रहेंगे।” जापानी बैंक भारत में निवेश के जरिए न केवल अपने विस्तार को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को भी मजबूत कर रहे हैं।