छिंदवाड़ा(भगवानदीन साहू )- कई धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों ने जिला कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री और केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर लॉ कमिशन की रिपोर्ट पर अमल करने की मांग की। ज्ञापन में बताया कि सन 2012 में 14 नवम्बर को पॉक्सो कानून बनाया गया । एक रिपोर्ट के अनुसार सन 2012 में बाल यौन उत्पीड़न के 8541 प्रकरण दर्ज थे । सन 2021 तक इनमें भारी वृद्धि हुई और ये 83348 हो गए। सभी प्रकरण पॉक्सो एक्ट में दर्ज हुए हैं । इन प्रकरणों में बेतहाशा वृद्धि से चिंतित सरकार ने देश के करोड़ों करोड़ों बुद्धजीवी और आम लोगों के हक की आवाज को ध्यान में रखते हुए लॉ – कमीशन को रिपोर्ट देने के लिए आदेशित किया । लॉ – कमीशन ने रिपोर्ट में माना कि पॉक्सो एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है । सबसे प्राचीनतम उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने भी टिप्पणी की है कि कुछ महिलाएं धन ऐंठने के लिए बलात्कार का झूठा केस दर्ज करवा रही हैं । इतना ही नही देश की सर्वोच्च न्यायपालिका के मुख्य न्यायधीश ने संसद में इस कानून की समीक्षा करने की वकालत की है। विश्व के लगभग 8 अरब लोगों ने यह महसूस किया है कि भारत का प्रशासन और न्याय व्यवस्था पॉक्सो एक्ट पर भेदभाव वाला रवैया इस्तेमाल कर रहा है । जिसमें पहलवान ब्रजभूषण सिंह , तरुण तेजपाल , मंत्री तुलसी प्रजापति आदि ऐसे कई बड़े नाम है जिन पर सिर्फ पॉक्सो एक्ट में प्रकरण भर दर्ज हुआ। वहीं निर्दोष सन्त श्री आशाराम जी बापू पर तो अत्याचार की हद हो गई । राष्ट्रपति जी और प्रधानमंत्री जी से माँग है कि लॉ- कमीशन की रिपोर्ट पर अमल कर देश के 70 करोड़ों पुरुषों के साथ न्याय करें।ज्ञापन देते समय साध्वी रेखा बहन , साध्वी प्रतिमा बहन , आधुनिक चिंतक हरशूल रघुवंशी , शिक्षाविद विशाल चवुत्रे , राष्ट्रीय बजरंग दल के नितेश साहू , कुनबी समाज के युवा नेता अंकित ठाकरे , कलार समाज के सुजीत सूर्यवंशी , पवार समाज के प्रमुख हेमराज पटले , सुभाष इंगले , अशोक कराडे , टेलिकॉम सेक्टर के प्रतिष्ठित व्यवसायी नितिन डोईफोड़े , युवा सेवा संघ के ओमप्रकाश डहेरिया , आई. टी. सेल प्रभारी भूपेश पहाड़े ,साहू समाज के ओमप्रकाश साहू , अश्विन पटेल , सिंधी समाज के महेश चुगलानी , महिला समिति से दर्शना खट्टर ,दीपा डोडानी , डॉ. मीरा पराडकर , छाया सूर्यवंशी , शकुंतला कराडे , रुपाली इंगले आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।