दून विधानसभा की ग्राम पंचायत सौड़ी में बीते दिनों आई आफत की बरसात ने गांव माजरी, नवानंगर व टिक्कर गोरखनाथ के 36 घरों को तबाह कर दिया है। कोई भी घर अब रहने लायक नहीं बचा है। लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। उल्लेखनीय है कि बद्दी घरेड मार्ग पर भटोलीकलां से दो किलोमीटर दूर नवांनगर के विपरीत बालद खड्ड के पार स्थित सबसे अधिक प्रभावित माजरी के सात परिवार भूस्खलन के कारण बेघर हुए हैं। गांव तो सारा खाली करवा दिया था लेकिन अनाज,कपड़े के अलावा घर का सारा भारी सामान घरों के अंदर ही रह गया और 23 अगस्त की शाम को पहाड़ी खिसकनी के साथ ही सभी मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए। सामान ढोने गए 5 युवक बाल-बाल बचे। उस दिन अजीब संयोग था जब पूरा देश चंद्रयान की लाइव लेंडिंग देख रहा था ठीक उसी समय माजरी के सात परिवार अपने घर व फसल की तबाही का मंजर सामने वाले गांव से देख रहे थे। चमन व आरती बाला ने रोते बिलखते बताया कि प्राकृतिक आपदा ने उन्हें बर्बाद कर दिया, सोचा था कि इस बार फसल अच्छी हो जाएगी लेकिन सब तबाह हो गया। लोग वर्षा के धीमा होने का इंतजार करते रहे, ताकि घरों में रह गया सामान निकाल कर सुरक्षित जगह जा सकें, इसके लिए रविवार को पांचवे दिन आसपास के गांव के 8 युवकों का दल हिम्मत जुटाकर फिर गिरे हुए आशियाने देखने पहुंचे तो देखकर दंग रह गए। सतपाल कौंड़ी ने बताया कि वहां पर तो कुछ भी शेष नहीं रहा।
लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ
चेपू राम का 8 कमरों का दो मंजिला मकान ध्वस्त हुआ है। सुखराम के 13 कमरों का दो मंजिला मकान में 18 क्विंटल अनाज मलबे में बिखर गया। रमेश कुमार के 7 कमरों का मकान, संजय व चमन 4-4 कमरे थे, और विधवा आशा देवी के 7 कमरों का बड़ा घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। लोगों की 50 बीघा जमीन में बोई हुई मक्की की फसल तबाह हो गई। संवाददाता ने माजरी गावं का दौरा किया तो पीड़ित चेपू राम ने बताया कि वह दसोरा माजरा में किसी के घर मे रहने को मजबूर है। कोटियां दून के समाजसेवी हंसराज मेहता ने माजरी, नवानंगर व टिककर गोरखनाथ के 40 परिवारों को नकद सहायता प्रदान की। पंचायत सचिव रामजी दास, राजेन्द्र कुमार, मोहन लाल, किशोरी लाल, रमेश चंद, अवतार सिंह व निर्मल सिंह ने माजरी गांव के पूरी तरह से विस्थापित 7 परिवारों के सरकार से शीघ्र पुनर्वास करने की गुहार लगाई है।
वहीं मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी ने कहा कि दून विधानसभा क्षेत्र में 500 करोड़ का नुकसान हुआ है । क्षति की स्थिति का जायज़ा लेने के लिए शीघ्र ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दौरा करेंगे। सरकार प्रभावित बेघर हुए लोगों की हर संभव मदद कर रही है। इन लोगों को बसाने के सरकार के लिए तीन -तीन बिस्वे जमीन और अस्थाई तौर पर माकन बना कर देने पर भी सरकार विचार कर रही है