चंडीगढ़, 12 अक्तूबर (प्रेस की ताकत ब्यूरो)
हरियाणा सरकार ने नगर निगमों के ‘चौधरियों’ यानी मेयरों की पावर बढ़ा दी है। नगर निगम में कार्यरत ग्रुप-सी और डी के कर्मचारियों को सस्पेंड करने के अधिकार मेयर को दिए हैं। इतना ही नहीं, मेयर अब ढाई करोड़ की बजाय 10 करोड़ रुपये तक के विकास कार्यों को प्रशासनिक स्वीकृति दे सकेंगे। सीएम की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में हुई प्रदेश के नगर निगमों के मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर की बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ़ कमल गुप्ता, सीएम के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, गृह विभाग के विशेष सचिव महावीर कौशिक, एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) ममता सिंह के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
सीएम ने कहा, मेयर एक बड़े क्षेत्र का चुना हुआ प्रतिनिधि होता है। हमारी सरकार ने पिछले 9 वर्षों में पंचायती राज संस्थानों के लिए भी सत्ता का विकेंद्रीकरण कर कई प्रकार के अधिकार दिए हैं। पहले की सरकारों में सत्ता का केंद्रीकरण होता था, जबकि हमने सत्ता का विकेन्द्रीकरण किया है। उन्होंने कहा कि कल की कैबिनेट बैठक में शहरों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उनके क्रियान्वयन में मेयरों और पार्षदों की बड़ी भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लोगों को इस बारे में जागरूक करें ताकि मॉडल टाऊन जैसी पुरानी कॉलोनियों में चल रही शॉपिंग मॉल जैसी गतिविधियों को कानूनी रूप में नियमित करवा जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग तथा राज्य वित्त आयोग की तरफ से नगर निगमों को तीसरी तिमाही का लगभग 600-700 करोड़ रुपया आवंटित किया जाना है। मेयर अपने क्षेत्र के विकास कार्यों का अनुमान तैयार करें और शीघ्र ही इसे सरकार को भिजवाएं। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
वापस होगा कृषि भूमि पर लगाया प्रॉपर्टी टैक्स
निगमों का दायरा बढ़ने से कई गांव इसमें शामिल हुए हैं। इन गांवों में लालडोरे के दायरे से बाहर कई कॉलोनियां बन गई हैं। इनमें कृषि भूमि भी शामिल है और इस पर नगर निगमों द्वारा लगभग 4 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स लगाया है। इसे लौटाना होगा, क्योंकि कृषि भूमि पर किसी प्रकार का संपत्ति कर नहीं लगाया जा सकता। सरकार द्वारा इन कॉलोनियों का सर्वे करवाया जाएगा ताकि वहां की सम्पतियों का भी क्रय व विक्रय हो सके।
प्रॉपर्टी आईडी के लिए बन रही एसओपी
सीएम ने कहा कि शहरों में प्रॉपर्टी आईडी बनाना एक जटिल प्रक्रिया थी परंतु सरकार द्वारा वह भी पूरी कर ली गई है। इसके लिए एक एसओपी तैयार की जा रही है, जिसकी एक प्रति सभी को भेजी जाएगी। नगर निगम आयुक्त व मेयर में सामंजस्य होना चाहिए ताकि विकास कार्यों में कोई बाधा न आए।