चंडीगढ़, 30 मई (प्रेस की ताकत ब्यूरो): पंजाब में 1 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान समाप्त हो गया है। यह चुनाव अनोखा है क्योंकि इसमें कई सीटों पर पंचकोणीय मुकाबला होगा, ऐसा परिदृश्य राज्य में पहले कभी नहीं देखा गया है। इस चुनाव का फोकस विभिन्न प्रमुख मुद्दों जैसे विकास, रोजगार के अवसर और प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली आपूर्ति का प्रावधान, विशेष रूप से भगवंत मान के नेतृत्व वाली AAP सरकार पर है।
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के लिए यह चुनाव काफी महत्व रखता है क्योंकि यह उनके अस्तित्व की महत्वपूर्ण परीक्षा है। हाल के चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन गिर रहा है और यह चुनाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण क्षण होगा। इसके अतिरिक्त, भाजपा इस चुनाव के नतीजे पर भी करीब से नजर रख रही है, क्योंकि इससे राज्य में पार्टी की स्थिति और स्वतंत्र रूप से काम करने की उसकी क्षमता तय होगी।
दलबदलुओं का भाग्य एक और पहलू है जिसे इस चुनाव में करीब से देखा जा रहा है, खासकर भाजपा द्वारा अन्य दलों से बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को नामांकित करने के साथ। इसके अलावा, AAP के कई मंत्री और विभिन्न पार्टियों के अन्य प्रमुख व्यक्ति चुनाव में भाग ले रहे हैं, जिससे पंजाब में राजनीतिक परिदृश्य की जटिलता बढ़ गई है।