नयी दिल्ली, 27 अगस्त (प्रेस की ताकत ब्यूरो): राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने मूल्यांकन की एक नयी रूपरेखा पेश की है जिसमें नौवीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को उनके 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा परिणामों के निर्धारक के तौर पर शामिल करने की वकालत की गई है। इस प्रस्ताव को ‘शिक्षा बोर्डों में समानता की स्थापना’ नामक एक रिपोर्ट में व्यक्त किया गया था, जिसे जुलाई में प्रकाशित किया गया था। दस्तावेज में कक्षा 10 और 12 के लिए एक प्रगतिशील मूल्यांकन रणनीति की रूपरेखा तैयार की गई है, जो शैक्षणिक वर्ष को दो अलग-अलग शब्दों में विभाजित करती है. इसके अलावा, यह सुझाव देता है कि कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम अब पूर्ववर्ती तीन कक्षाओं के प्रदर्शन मैट्रिक्स को प्रतिबिंबित करना चाहिए।